Last Updated: Monday, April 22, 2013, 17:24

इस्लामाबाद : सुप्रीम कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से उनके वकीलों को उनके आवास पर मिलने की इजाजत नहीं दी गई। मुशर्रफ के आवास को उपकारा घोषित किया गया है।
इस्लामाबाद के बाहरी इलाके चक शहजाद में स्थित मुशर्रफ के पांच एकड़ में फैले फार्म हाउस में तैनात कारा अधिकारियों ने कहा कि वकील अपने मुवक्किल से तब ही मिल सकते हैं जब वे पंजाब सरकार से ‘‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’’ लें।
उल्लेखनीय है कि रावलपिंडी की आडियाला जेल के अधिकारियों को 69 साल के मुशर्रफ की गिरफ्तारी की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने कारा अधिकारियों को बुलाया था और उन्हें वकीलों को मुशर्रफ से मिलने की इजाजत देने को कहा था।
मुशर्रफ की कानूनी टीम के प्रमुख, अहमद रजा कसूरी ने फार्म हाउस के बाहर मीडिया से कहा कि अगर हम अपने मुवक्किल से बात नहीं कर सकते तो हम केस कैसे लड़ सकेंगे। यह बिना हथियार के जंग में जाने जैसा है। कसूरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मुलाकात के लिए दिया गया वक्त खत्म हो गया और वे प्रतिवाद के रूप में अदालत लौट जाएंगे।
इससे पहले जस्टिस जव्वाद ख्वाजा की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन जजों की खंडपीठ ने पांच याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की जिसमें 2007 में आपातकालीन शासन लागू करने और उच्च न्यायपालिका के 60 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार करने के सिलसिले में देशद्रोह का मामला चलाने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकीलों ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से मिलने की इजाजत नहीं दी गई और इसलिए वे उनसे ताजा निर्देश नहीं पा सके।
इसके बाद, अदालत ने वकीलों को मुशर्रफ से मिलने और उनके फार्महाउस पर जाने का निर्देश दिया।
मुशर्रफ से मिलने से रोके जाने पर कसूरी ने कहा कि उनके मुवक्किल को मामले की सुनवाई कर रही तीन जजों की खंडपीठ पर आपत्ति हो सकती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 22, 2013, 17:24