आयरलैंड का ऐतिहासिक फैसला, गर्भपात को मिली मंजूरी -In Ireland `life-saving` Abortion allowed

आयरलैंड का ऐतिहासिक फैसला, गर्भपात को मिली मंजूरी

आयरलैंड का ऐतिहासिक फैसला, गर्भपात को मिली मंजूरीलंदन : पिछले वर्ष एक भारतीय दंत चिकित्सक की गर्भपात की पेचीदगियों के चलते हुई मौत से मचे हंगामे के बाद कैथोलिक देश आयरलैंड में सांसदों ने शुक्रवार को देश के नए अभूतपूर्व कानून के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें कुछ सीमित मामलों में गर्भपात की अनुमति दे दी है।

कई दिनों की बहस और देरी के बाद आयरलैंड के निचले सदन ‘डेल’ ने सीमित गर्भपात अधिकार की अनुमति देने वाले विधेयक को 31 के मुकाबले 127 मतों से पारित कर दिया।

यह विधेयक उस स्थिति में गर्भपात की अनुमति प्रदान करता है जब डाक्टरों को यह लगे कि किसी महिला की जान को खतरा है। इसमें आत्मघात संबंधी कुछ मामलों को भी शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री ऐडा केनी और उनकी गठबंधन सरकार ने गर्भावस्था में जीवन की सुरक्षा के आशय वाला विधेयक पेश किया था जिसमें केवल उन्हीं मामलों में गर्भपात की अनुमति दी गई है, जहां गर्भ की वजह से जननी के जीवन पर खतरा हो या वह आत्मघाती हो।

165 संशोधनों पर संसद में चली लंबी चर्चा के बाद गुरुवार देर रात 12.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) 31 के मुकाबले 127 मतों से इसे पारित कर दिया गया।

देश की गठबंधन सरकार को सदन में भारी बुहमत और कुछ विपक्षी नेताओं के समर्थन की वजह से संशोधन बेहद आसानी से पारित हो गये। इस नए विधेयक पर अब ऊपरी सदन में मतदान होना है और वहां भी सत्ता पक्ष को बहुमत प्राप्त है।

पिछले वर्ष अक्टूबर में गर्भपात की अनुमति न मिलने की वजह से हुई भारतीय दंतचिकित्सक सवीता हलप्पनावर की मौत के बाद मुख्य रूप से कैथोलिक विचारधारा वाले में इस देश को अपने गर्भपात विरोधी कानून की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस वर्ष की शुरुआत में 31 वर्षीय सवीता की मौत की जांच रिपोर्ट में यह बताया गया कि अगर समय उसका गर्भपात कर दिया जाता तो उसका जीवन बच सकता था।

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सवीता का गर्भाशय फट जाने के बावजूद डाक्टरों ने यह कहते हुए उसका गर्भपात करने से मना कर दिया था कि उसके 17 सप्ताह के गर्भस्थ भ्रूण की धड़कने चल रही हैं। जब तक उसकी धड़कनें रुकीं, तब तक हलप्पनवार के रक्त में खतरनाक रूप से जहर फैल चुका था।

समाचार पत्र गार्जियन की खबर के मुताबिक, गर्भपात विरोधी समहूों ने इस नए कानून को अदालत में चुनौती देने की धमकी दी। मुख्य रूप से कैथोलिक मतावलंबियों वाला यह देश कानून को लेकर बट गया है। विरोधियों का कहना है कि इस नए कानून से गर्भपात के मामलों में व्यापक इजाफा हो सकता है।

दूसरों का कहना है कि इस कानून का दायरा बेहद सीमित है, क्योंकि इसमें बलात्कार या भ्रूण विकृति के मामले में गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई है।

गर्भपात विरोधी प्रचारकों का तर्क है कि इस कानून से आयरलैंड की धरती पर पहली बार अजन्मे बच्चे की इरादतन हत्या की अनुमति मिल जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 12, 2013, 10:50

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