Last Updated: Saturday, April 6, 2013, 11:06

लंदन : आयरिश मेडिकल आर्गनाइजेशन (आईएमओ) ने किसी गर्भवती महिला के जीवन को वास्तविक खतरा होने पर गर्भपात के नियमन का समर्थन करने वाले एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया। ऐसी स्थिति भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पानावर को सामना करना पड़ा था जिसके चलते उसकी मौत हो गई। किल्लार्नी में आयोजित आईएमओ के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्ताव को 32 के मुकाबले 42 मतों से खारिज कर दिया गया।
आईएमओ के इस वार्षिक सम्मेलन में गर्भपात के मुद्दे पर तीखी चर्चा हुई। डाक्टरों ने बलात्कार के चलते या करीबी रिश्तेदार के यौन शोषण के चलते गर्भवती होने पर किसी महिला को अपना गर्भपात कराने की इजाजत देने की मांग करने वाले एक अन्य प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। दैनिक आयरिश टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि डाक्टरों ने एक अन्य प्रस्ताव भी खारिज कर दिया जिसमें गंभीर भ्रूण विकार के मामलों में गर्भपात का प्रावधान करने के लिए सरकार का आह्वान किया गया था।
ये तीनों प्रस्ताव आयरलैंड के कॉर्क शहर की जनरल फिजिशियन डा. मेरी फावियर ने पेश किए थे। मां के जीवन को वास्तविक और गंभीर खतरा होने पर गर्भपात का प्रावधान करने की मांग करने वाले प्रस्ताव पर अपनी बातें रखते हुए मेरी ने कहा कि गर्भाधान के दौरान जीवन को खतरा होने पर गर्भपात की जरूरत पूरी नहीं करने से आयरिश महिलाओं की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है।
कॉर्क शहर के ही रिटायर्ड जनरल प्रैक्टिशनर डा. पीटर क्विन ने मेरी की दलीलें काटते हुए कहा कि आयरलैंड लंबे समय से प्रसुति के लिए दुनिया के सर्वाधिक सुरक्षित स्थानों में से एक माना जाता है। डब्लिन के जीपी डा. सिरिल डाली ने युद्धकाल की चर्चा करते हुए कहा कि जर्मन डाक्टरों ने परीक्षण किए थे और गर्भपात किए थे। उन्होंने कहा कि आईएमओ को आयरलैंड में बाहरी देशों से आये लोगों के गर्भपात का प्रतिरोध करना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 6, 2013, 11:06