Last Updated: Monday, July 9, 2012, 13:57
लंदन : वर्ष 1968 में अपनी छोटी बेटी की मौत का झटका सहने वाले एनआरआई उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल का कहना है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें सिखाया कि बुरे वक्त में हिम्मत नहीं खोनी चाहिए।
लंदन के चिड़ियाघर में आयोजित एक कार्यक्रम ‘रिमेंबरिंग अंबिका’ में लार्ड पॉल यादों में खो गए और उन्होंने जिंदगी में अपने माता-पिता, परिवार और दोस्तों से मिली मदद एवं प्रोत्साहन को याद किया। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री को ‘महान व्यक्ति’ बताते हुए लार्ड पॉल ने कहा, ‘श्रीमती इंदिरा गांधी ने मुझे सिखाया कि बुरे वक्त में हिम्मत नहीं खोनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘अंबिका की बीमारी ने हमें कई बातें सिखाईं।’ लार्ड पॉल वर्ष 1966 में ल्यूकेमिया से पीड़ित अपनी बेटी अंबिका के इलाज की खोज में ब्रिटेन आए थे। अच्छा इलाज मिलने के बावजूद अंबिका की 1968 में मौत हो गई। बेटी की मौत से उबरने के बाद लार्ड पॉल ने कैपारो स्थापित किया जो आज उनके परिवार के स्वामित्व वाला ब्रिटेन का सबसे बड़ा व्यवसाय है।
लार्ड पॉल ने लंदन चिड़ियाघर को 1992 में बंद होने से रोकने के लिए 10 लाख पाउंड की राशि दी थी। इस चिड़ियाघर के एक हिस्से का नाम अब ‘द अंबिका पॉल चिल्ड्रंस जू’ है। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन की पत्नी सारा ब्राउन, उनके बच्चे, लंदन के पूर्व मेयर केन लिविंगस्टोन, ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त राजेश प्रसाद सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 13:57