Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 16:14
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश के बेटे के खिलाफ सरकार की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की जांच पर रोक लगा दी और मामले की जांच के लिए आयोग के गठन के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के बेटे अरसालन इफ्तिखार पर मामलों को प्रभावित करने के लिए रियल एस्टेट के एक बड़े व्यवसायी से 34.2 करोड़ रुपए लेने का आरोप है।
न्यायमूर्ति जव्वाद ख्वाजा की अध्यक्षता में दो न्यायधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को अरसलान के खिलाफ अपनी जांच रोकने को कहा। पीठ ने जांच के लिए पूर्व खुफिया प्रमुख शोएब सुद्दल की अध्यक्षता में एक आयोग के गठन का आदेश दिया। अदालत ने अरसालन की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश सुनाया। याचिका में मुख्य न्यायाधीश के बेटे ने नैब पर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं करने का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुद्दल का दर्जा न्यायिक अधिकारी का होगा और अपनी जांच के लिए वह सरकारी मशीनरी का प्रयोग कर सकते हैं। सुद्दल को गवाहों को पेश करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद लेने का अधिकार होगा। पीठ ने नैब को मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सुद्दल को सौंपने का निर्देश दिया। आयोग को 30 दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 16:14