Last Updated: Thursday, November 22, 2012, 16:27

वाशिंगटन: अमेरिकी नेवी सील्स द्वारा पाकिस्तान में मार गिराये गए अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को समुद्र में गर्क करने (डूबाने) में पारंपरिक इस्लामी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उसे किसी भी नाविक ने नहीं देखा।
यह बात हाल में जारी किये गए सैन्य ईमेल से सामने आयी है।
अमेरिका के एक नौसैनिक कमांडर ने यूएसएस कार्ल विंसन पर तैनात सार्वजनिक मामलों के अधिकारी को तीन मई 2011 को भेजे एक ईमेल में पूछा कि क्या किसी नाविक ने समुद्र में गर्क करने की प्रक्रिया को देखा?
सार्वजनिक मामलों के अधिकारी ने एक अन्य ईमेल में जवाब दिया कि केवल एक छोटे नेतृत्व समूह को इसकी जानकारी दी गई थी जिसमें छह से कम लोग शामिल थे। इस प्रक्रिया को किसी भी नाविक ने नहीं देखा।सीएनएन के अनुसार निगरानी समूह ज्युडिसियल वाच की ओर से प्रारंभिक रूप से सूचना के लिए दायर मुकदमे पर रक्षा मंत्रालय ने 10 काफी संशोधित ईमेल जारी किये।
कार्ल विंसन वह पोत था जिस पर सील्स ओसामा के शव को हेलीकाप्टर से लेकर गए थे। ओसामा पाकिस्तान में ऐबटाबाद स्थित अपने परिसर पर अमेरिकी सील्स की ओर से दो मई 2011 को किये गए हमले में मारा गया था। उच्चाधिकारियों के बीच संवाद में ईमेल में ओसामा को समुद्र में गर्क करने के लिए अपनायी प्रक्रिया बतायी गई है। यह कार्रवाई बेहद सादे ढंग से पूरी की गई और विशालकाय पोत पर तैनात कर्मियों में से कुछ चुनिंदा लोगों को ही इस बात की जानकारी थी कि उनके पोत पर क्या चल रहा है।
एक ईमेल में कहा गया है कि इसके लिए पारंपरिक इस्लामी प्रक्रिया अपनायी गई। ओसामा के शव को स्नान कराने के बाद उसे सफेद चादर में लपेटा गया। शव को एक भारी बैग में रखा गया, एक सैन्य अधिकारी ने पहले से तैयार कुरान की आयतें पढ़ी गई जिसे एक स्थानीय ने अरबी भाषा में अनुवाद किया।
ईमेल में कहा गया कि आयतें पूरी होने के बाद शव को एक समतल बोर्ड पर रखकर उसे समुद्र में गिरा दिया गया।प्रक्रिया से संबंधित ईमेल दो मई 2011 को पूर्व ज्वाइंट चीफ्स चेयरमैन माइक मुलेन को भेजा गया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 22, 2012, 16:27