Last Updated: Friday, June 14, 2013, 13:23

तेहरान : ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। आठ सालों से सत्ता पर काबिज महमूद अहमदीनेजाद की जगह लेने वाले राष्ट्रपति का नाम इस चुनाव से तय होगा। ईरान के कुल 5.05 करोड़ मतदाता अपने देश के लिए नए नेता का चुनाव कर रहे हैं। चुनाव सुबह आठ बजे शुरू हुआ है जो शाम छह बजे तक चलेगा। शनिवार सुबह से नतीजों के रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे।
जीतने के लिए उम्मीदवार को कुल डाले गए वोट का 50 फीसदी और एक वोट हासिल करना जरूरी होगा। अगर किसी उम्मीदवार को इतने वोट नहीं मिल सके तो सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच किसी एक को चुनने के लिए 21 जून को दोबारा मतदान होगा। ईरान में सत्ता की कुर्सी के लिए छह दावेदार मैदान में हैं। इनमें चार उम्मीदवार रुढ़िवादी हैं जबकि एक कट्टरपंथी और एक उम्मीदवार नरमपंथी।
चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में मुल्ला हसन रोहानी के नरमपंथी उम्मीदवार के रूप में सबसे आगे चलने की बात कही जा रही है, क्योंकि सुधारों की वकालत करने वाले एक और उम्मीदवार मंगलवार को राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर हो गए। रोहानी के समर्थन में दो पूर्व राष्ट्रपति आगे आए हैं। अकबर हाशेमी रफसंजानी और मोहम्मद खतामी। इन दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों की छवि सुधारवादी नेता की रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस्लामिक रिपब्लिक के संस्थापक अयातुल्लाह खोमैनी के पोते हसन खोमैनी भी रोहानी को समर्थन दे रहे हैं।
रुढ़िवादी उम्मीदवार अब भी एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। वैसे इनमें सबसे ज्यादा सख्त नेता शीर्ष परमाणु वार्ताकार सईद जलील को माना जा रहा है। अगर जलील राष्ट्रपति बनते हैं तो शायद अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ परमाणु ऊर्जा पर बातचीत में ईरान का रुख कुछ नरम हो सकता है। दूसरे रुढ़िवादी उम्मीदवारों ने ईरान की मौजूदा नीतियों से ज्यादा असहमति तो नहीं जताई है लेकिन कहा है कि वो घरेलू नीतियों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की इच्छा को शामिल करेंगे जबकि विदेश नीति में और ज्यादा सख्ती लाएंगे। पूर्व विदेश मंत्री अली अकबर विलायती भी इन्हीं में हैं। एक और उम्मीदवार मोहम्मद बागेर गालिबाफ ने तेहरान का मेयर रहने के दौरान अपने अच्छे कामों के बारे में लोगों को याद दिलाया है।
दूसरे उम्मीदवारों में 58 साल के मोहसिन रेजई अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट हैं। उन्होंने जीतने पर महंगाई और बेरोजगारी पर लगाम लगाने का वादा किया है। 72 साल के मोहम्मद घराजी चुनावी मैदान में सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार हैं। वह रफसंजानी और पूर्व प्रधानमंत्री मीर हुसैन मुसावी के दौर में मंत्री रहे थे। मुसावी फिलहाल नजरबंद हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 14, 2013, 13:23