ईसाई लड़की के खिलाफ ईशनिंदा का मामला खारिज

ईसाई लड़की के खिलाफ ईशनिंदा का मामला खारिज

ईसाई लड़की के खिलाफ ईशनिंदा का मामला खारिजइस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक ईसाई लड़की के खिलाफ दर्ज मामले को मंगलवार को यहां की एक अदालत ने खारिज कर दिया। एक मौलवी द्वारा ईशनिंदा का आरोप लगाने के बाद इस किशोरी को तीन हफ्तों तक हिरासत में रखा गया था।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इकबाल हामिद उर रहमान ने पुलिस को शिकायत खारिज करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने पिछले सप्ताह 14 वर्षीय रिमशा मसीह की उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज करने की मांग वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था।

न्यायाधीश ने कहा कि यह ‘बहुत संवेदनशील मामला’ है और लोगों को किसी के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाने से पहले बहुत सचेत रहना चाहिए।

उन्होंने टिप्पणी की कि किसी मुस्लिम या गैर मुस्लिम के खिलाफ गलत आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए।

इस 15 पेज के फैसले में जिसमें कुरान के संदर्भ शामिल हैं, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि किसी ने रिमशा को धार्मिक पुस्तक के किसी पेज को जलाते हुए नहीं देखा है।

रिमशा के वकील अकमल भट्टी ने संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने मामला खारिज कर दिया है और उनके मुवक्किल को ‘निर्दोष’ बताया है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में एकमात्र ईसाई मंत्री पॉल भट्टी ने पुष्टि की कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले को खारिज कर दिया है। रिमशा को 16 अगस्त को इस्लामाबाद के बाहरी क्षेत्र से कठोर ईशनिंदा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनके पड़ोसी मलिक अम्माद ने उन पर एक धार्मिक पुस्तक के पेज जलाने का आरोप लगाया था।

स्थानीय मस्जिद के इमाम खालिद जादून चिश्ती ने दावा किया था कि रिमशा ने कुरान के पेज जलाए थे।

रिमशा पर आरोपों के कारण दर्जनों गरीब ईसाई परिवारों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था।

इस किशोरी को रावलपिंडी की कड़ी सुरक्षा वाली जेल में तीन हफ्तों के लिए रखा गया था। इस जेल में खूंखार आतंकवादियों को रखा जाता है।

मुस्लिम समुदाय के तीन लोगों ने पुलिस को बताया था कि चिश्ती ने झूठे आरोप लगाये हैं। इसके बाद चिश्ती को गिरफ्तार किया गया और आठ सितंबर को रिमशा को जमानत पर रिहा कर दिया गया। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 20, 2012, 17:17

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