Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 18:32

सोल : उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु कार्यक्रमों से खड़ी हुई चुनौतियों के बीच दक्षिण कोरिया ने बुधवार को एक उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया और इसके साथ ही वह वैश्विक अंतरिक्ष क्लब का हिस्सा बन गया।
दक्षिण कोरिया को प्रक्षेपण के तीसरे प्रयास में कामयाबी मिली। साल 2009 और 2010 में दक्षिण कोरिया का यह प्रयास नाकाम रहा था। इसके बाद यह तीसरा मौका था, जब उसने विशिष्ट वैश्विक अंतरिक्ष क्लब की पूर्ण सदस्यता लेने के मकसद से अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया।
भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे 140 टन के ‘कोरिया अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान’ (केएसएलवी-1) के जरिए उपग्रह का प्रक्षेपण नारो अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। यह केंद्र दक्षिण कोरिया के दक्षिणी तट के निकट है।
उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद अंतरिक्ष केद्र पर मौजूद वैज्ञानिक और अधिकारी खुशी से झूम उठे। देश के दूसरे हिस्सों में भी लोगों ने खुशियां मनाईं। लंबे वक्त के बाद अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रखने वाले दक्षिण कोरिया के लिए यह बड़ी कामयाबी है।
राजधानी सोल में प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण एक बड़े टेलीविजन स्क्रीन पर किया गया। यहां लोग बड़ी संख्या में जमा हुए थे। प्रक्षेपण और फिर उपग्रह कक्षा में स्थापित हाने की जानकारी मिलते ही लोग खुशियां मनाने लगे।
दक्षिण कोरिया के विज्ञान मंत्री ली जू-हो ने अंतरिक्ष केंद्र में संवाददाताओं को बताया, ‘नारो रॉकेट ने उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। यह हमारे लोगों की बड़ी कामयाबी है।’
प्रक्षेपण की यह सफलता दक्षिण कोरिया के अंतरिक्ष कार्यक्रम में जुड़े लोगों का हौंसला बढ़ाने वाली है।
पहले यह प्रक्षेपण बीते 26 अक्तूबर को प्रस्तावित था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे दो बार स्थगित कर दिया। इसके बाद बुधवार को इसका प्रक्षेपण किया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 18:32