Last Updated: Thursday, June 20, 2013, 16:06

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर अपनी पहली भारत यात्रा से पहले जॉन कैरी ने कहा कि अमेरिका एक उभरती ताकत के रूप में भारत का स्वागत करता है और सुधार तथा विस्तार के बाद की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।
अगले सप्ताह होने वाली भारत-अमेरिकी रणनीतिक वार्ता से पहले भारतीयों के लिए भेजे गए वीडियो संदेश में कैरी ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच जारी महत्वपूर्ण वार्ता है। इस पांच मिनट के वीडियो संदेश की शुरूआत नमस्कार से करते हुए कैरी ने कहा, ‘यह वार्ता हमारे इस दृढ़ विश्वास को दर्शाती है कि एक शक्तिशाली भारत अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है। अमेरिका भारत के एक उभरती ताकत के रूप में न केवल स्वागत करता है बल्कि हम इसका पूर्ण उत्साह के साथ समर्थन भी करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए राष्ट्रपति बराक ओबामा और मैं एक संशोधित और विस्तृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने का समर्थन करते हैं।’
कैरी ने कहा कि वे नई दिल्ली के कुछ ‘असाधारण ऐतिहासिक स्थलों’ पर जाने की सोच रहे हैं और नई पीढ़ी के भारतीय नेताओं से मिलने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल सही है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते आज से ज्यादा पहले कभी इतने अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहे।
कैरी ने कहा, ‘जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि हमारे दोनों देशों के बीच की दोस्ती 21वीं सदी को निर्धारित करने वाली एक खास साझेदारी है।’ उन्होंने कहा, ‘आज अमेरिका और भारत मानव उद्यम के लगभग हर क्षेत्र में करीबी सहयोग कर रहे हैं। हम एकसाथ मिलकर साझी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और नए अवसरों का निर्माण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा से लेकर स्वच्छ ऊर्जा तक, आतंकवाद निरोध से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक हम एक साथ काम करने के नए अवसर हासिल कर रहे हैं। ऐसा करके हम दोनों देशों की जनता की समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत अफगानिस्तान में शांति और समृद्धि के लिए मजबूत और स्थायी प्रतिबद्धता रखते हैं।
कैरी ने कहा, ‘भारत इसके पुर्ननिर्माण और विकास कार्यों के जरिए महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। हम भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत के नेतृत्व का स्वागत करते हैं।’ कैरी ने कहा, ‘अमेरिका और भारत दोनों के लिए यह समय उंचाईयों पर पहुंचने के लिए खुद को चुनौती देने का, आपसी संबंधों को मजबूत करने का और साझेदारी में निहित संभावनाओं को पहचानने का है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 20, 2013, 16:06