Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 13:19
मेलबर्न: आस्ट्रेलिया में प्रवर्जन नीति (माइग्रेशन पॉलिसी) का उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला लेने को लेकर भारतीय छात्रों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। एक ताजा अध्ययन में यह बात कही गई है।
‘आस्ट्रेलियन जर्नल ऑफ एजुकेशन’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है, ‘आस्ट्रेलिया के श्रमिक बाजार, आव्रजन एवं वीजा नीति में बदलावों को लेकर भारतीय छात्रों की अधिक प्रतिक्रिया होती है।’ इस अध्ययन में कहा गया है कि साल 2008 में प्रवर्जन नीति में बदलाव की शुरूआत के बाद भारतीय छात्रों की मांग में कमी आई है।
इसके अनुसार भारतीय छात्र पहले अकाउंटिंग और आईटी पाठ्यक्रमों को तरजीह देते हैं तथा इसके बाद उनकी पसंद कुकिंग और हेयरड्रेसिंग को लेकर होती है। वे यहां की कौशल प्रधान प्रवर्जन व्यवस्था में फिट बैठने के मकसद से ऐसा करते हैं।
यहां के आव्रजन और नागरिकता विभाग ने नियमों में बदलाव करते हुए छात्र वीजा के अकांक्षियों के लिए वित्तीय जरूरतों को कम कर दिया है। इस साल मई तक 3,820 नए भारतीय छात्रों ने यहां दाखिला लिया, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान के आंकड़े से 46.3 फीसदी अधिक है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 13:19