Last Updated: Thursday, September 13, 2012, 20:49
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लीबिया के पूर्वी शहर बेंगाझी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमला कर एक अमेरिकी राजदूत तथा तीन अन्य अमेरिकियों की हत्या करने वालों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है, लेकिन कहा है कि इस घटना से लीबिया के साथ उनके देश के रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बीते 33 साल में पहली बार किसी अमेरिकी राजदूत की हत्या हुई है। अल जजीरा ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि दो अमेरिकी युद्धपोत लीबिया तट की ओर आगे बढ़ गए हैं। लीबिया में मौजूद अमेरिकी राजनयिकों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए वहां मरीन कोर के करीब 50 सदस्यों की एक टुकड़ी भेजी गई है। वहीं, लीबिया में अमेरिकी राजदूत की हत्या होने के बाद अमेरिकी नौसेना ने वहां के जल में दो युद्धपोत भेजे हैं।
ओबामा ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा था कि इस घटना से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए इसे घृणित व चौंकाने वाला करार दिया। ओबामा ने कहा कि उन्होंने दुनियाभर में अमेरिकी राजनयिक पदों पर तैनात लोगों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है।
इस बीच कहा जा रहा है कि बेंगाझी, काहिरा व मिस्र में हुई घटनाएं एक फिल्म के वीडियो से भड़कने की वजह से हो रही हैं। इसे खुद को कैलीफोर्निया में इजरायली मूल का अमेरिकी रियल-ईस्टेट डेवलपर बताने वाले एक व्यक्ति ने बनाया है। फिल्म में पैगम्बर मोहम्मद का अपमानजनक चित्रण है। लेकिन फिल्म के निर्देशक सैम बेसिली की पहचान व वास्तविक फिल्म अभी सवालों के घेरे में हैं।
लीबिया के अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद अल-मगरिफ ने इस कायरतापूर्ण हमले के लिए माफी मांगी है। हमले में कई लीबियाई सुरक्षाकर्मी भी मारे गए। उन्होंने अमेरिका के समक्ष इस घटना के लिए शोक जताया है और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही है। उन्होंने लीबिया के अमेरिका संग नजदीकी रिश्ते बने रहने की भी बात कही।
संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले को डरावना व दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है। लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत इब्राहिम दाबाशी ने कहा कि घटना की जांच शुरू हो गई है। फिल्म के विरोध की अन्य घटनाओं में बुधवार को ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस में अमेरिकी दूतावास के बाहर करीब 50 प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडे जलाए। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दूतावास की इमारत से दूर कर दिया। मोरक्को व सूडान में भी प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए।
वहीं गाजा सिटी में प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तलवारें, कुल्हाड़ी व काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया और `पैगम्बर का अपमान करने वाले शर्म करें` नारे लगाए। इस बीच अफगानिस्तान सरकार ने कहा है कि वह प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति हामिद करजई ने फिल्म की निंदा करते हुए उसे अमानवीय व अपमानजनक बताया है। लोगों को इस फिल्म से दूर रखने के लिए अफगानिस्तान में यूट्यूब पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 13, 2012, 20:49