Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 20:05
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदेश नीति पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वन्द्वी मिट रोमनी ने प्रशासन पर राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सूचना लीक कर देश के साथ छल करने तथा चीन और ईरान जैसे प्रतिकूल रवैया रखने वाले देशों से नही निपट पाने का आरोप लगाया है।
ब्रिटेन, इस्राइल और पोलैंड के छह दिवसीय दौरे से पहले रोमनी ने कहा कि ओबामा की नीतियों ने, 70 साल में हुए सर्वाधिक गहरे अर्थसंकट से उबरना बहुत मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा कि सैन्य बजट में कटौती को न तो जायज ठहराया जा सकता है और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीयता से समझौता किया जा सकता है।
रोमनी ने गोपनीय राष्ट्रीय सुरक्षा सूचना लीक होने के मामले की जांच का आह्वान करने के साथ ही आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाने वाली यह घटना ‘‘व्हाइट हाउस द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित’’ है। उन्होंने नेवादा के रिनो में अपने विदेश नीति संबंधी प्रमुख भाषण में कहा, ‘‘इसने हमारे राष्ट्रीय हितों के साथ विश्वासघात किया है। इसने युद्ध के मैदानों में डटे हमारे बंधुओं की सुरक्षा से समझौता किया है और यह घटना विशेष कौंसिल द्वारा पूर्ण तथा त्वरित जांच की मांग करती है।’’ उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि ओबामा द्वारा नियुक्त किए गए लोगों को क्या ओबामा के व्हाइट हाउस ‘सूचना लीक’ मामले की जांच के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिए।
रोमनी ने माना कि एक सुरक्षित और स्थायी विश्व के लिए चीन के साथ साझेदारी जरूरी है लेकिन उन्होंने बीजिंग पर यह आरोप भी लगाया कि वह कई मसलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा दे रहा है। साथ ही रोमनी ने ओबामा पर इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने का आरोप लगाते हुए कहा, इस मसले पर ओबामा ने न कुछ किया है न ही वे करेंगे। मैं इस दिशा में काम करूंगा।
चीन के बारे में रोमनी ने कहा, उभरते चीन को लेकर कई चुनौतियां हैं। वह अपनी सरकार के हितों का तो ध्यान रखता है लेकिन चीनी जनता के अधिकारों की अवहेलना करता है। अमेरिका के साथ व्यापार करते हुए वह पेटेंट नियमों और कॉपीराइट कानूनों का भी उल्लंघन करता है। गलत फायदा उठाने के लिए वह अपनी मुद्रा का भी अवमूल्यन करता रहा है।
उन्होंने नेवादा में विदेश नीति से संबंधित अपने बयान में ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम को पूरी तरह से रोके जाने की बात भी कही। रोमनी ने कहा कि वर्तमान में विश्व में ईरान के परमाणु हथियार संपन्न होने से बड़ा कोई खतरा नहीं है। अफगानिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो वर्ष 2014 के अंत तक अफगान सुरक्षा बलों को सफलतापूर्वक सुरक्षा जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
उन्होंने कहा, बतौर राष्ट्रपति, अफगानिस्तान में मेरा लक्ष्य वर्ष 2014 के अंत तक सफलतापूर्वक तरीके से सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सुरक्षा बलों को सौंपना होगा। मैं जमीनी स्तर पर हालातों का मूल्यांकन करूंगा और हमारे सैन्य कमांडरों की बेहतर सलाहों पर गौर करूंगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 20:05