Last Updated: Saturday, September 28, 2013, 14:30

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि वह भारत के खिलाफ लगतार पाकिस्तान आधारित आतंकवाद का मुद्दा ‘खुले’ ढंग से नवाज शरीफ के समक्ष उठाएंगे।
मनमोहन ने ओबामा से कहा था कि पाकिस्तान के साथ वार्ता में प्रगति इस मोर्चे पर कार्रवाई पर निर्भर करेगी।
ओबामा ने यह वायदा शुक्रवार को मनमोहन के साथ हुई शिखर बैठक के दौरान किया जब प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले जम्मू में हुए आतंकी हमलों का का जिक्र किया और कहा कि किस तरह पाकिस्तान से पैदा हो रहा आतंकवाद हर समय भारत को प्रभावित करता रहता है।
सूत्रों ने बताया कि मनमोहन सिंह द्वारा यह बताए जाने पर कि लश्कर ए तैयबा को जमात उद दावा के साथ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार से ‘भारी भरकम वित्तीय सहायता’ मिलती है, अमेरिकी पक्ष ने भारत और क्षेत्र तथा विश्व को आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की ओर से उत्पन्न खतरे की भारत की गहरी चिंता को साझा किया।
मनमोहन और ओबामा के बीच करीब तीन घंटे तक चर्चा हुई। दोनों ने अफगानिस्तान की स्थिति के संदर्भ में आतंकवाद के बारे में बातचीत की। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें पाकिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने जानना चाहा कि किन पहलुओं को लेकर भारत और अमेरिका के बीच सहयोग और मजबूत किया जा सकता है।
ओबामा ने जम्मू कश्मीर के सांबा में एक सैन्य शिविर और पुलिस थाने पर गुरुवार को हुए दोहरे आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। हमलों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 10 लोग मारे गए थे।
ओबामा ने कहा कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से यहां 23 अक्तूबर को होने वाली मुलाकात में इस संबंध में ‘खुलकर’ बात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया को आगे ले जाने के संदर्भ में मनमोहन के दृष्टिकोण की सराहना की।
मनमोहन ने कहा कि भारत को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी पनाहगाहों से न सिर्फ सुरक्षा के लिए, बल्कि वार्ता में प्रगति के लिए भी प्रभावी ढंग से निपटने की आवश्यकता है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकी गतिविधियां दिन रात भारत के लिए लगातार खतरे का सबब बनी रहती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के खिलाफ आतंकी और घृणा अभियान में कोई कमी नहीं आई है। मनमोहन ने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकवाद अफगानिस्तान को भी प्रभावित करता है और इन मुद्दों का संतोषजनक ढंग से समाधान हो जाए तो वह क्षेत्र लाभ अर्जित कर सकता है।
ओबामा ने कहा कि भारत के साथ सहयोग के जरिए पाकिस्तान लाभ प्राप्त कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान को भारत पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय उर्जा और व्यपार आदि जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
भारत का मत यह है कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता जारी रखने के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। समझा जाता है कि ओबामा ने कहा कि भारत के पड़ोस में आतंकवाद की समस्या मौजूद है । यह टिप्पणी तब आई जब दोनों नेता अफगानिस्तान में 2014 के बाद की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे।
ओबामा ने अफगानिस्तान में भारत के काम और सहायता कार्यक्रम की चर्चा की और इसकी प्रशंसा की। उन्होंने मनमोहन के साथ इस बात पर सहमति जताई कि अफगानिस्तान में स्थिरता रणनीतिक महत्व की है। ओबामा ने उम्मीद जताई कि भारत राष्ट्रपति हामिद करजई को इस बारे में समझा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि अमेरिका ने करजई सरकार और तालिबान के बीच सुलह कराने के प्रयास किए थे, लेकिन ये प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाए। वे ये देखना जारी रखेंगे कि इसे किस तरह संभव बनाया जाए।
प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ सालों में मिले लाभों को सुरक्षित रखे जाने की जरूरत रेखांकित की, खासकर महिलाओं के अधिकारों को बरकरार रखे जाने के परिप्रेक्ष्य में। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 28, 2013, 10:39