Last Updated: Wednesday, May 23, 2012, 21:47

इस्लामाबाद : ओसामा बिन लादेन तक पहुंच बनाने में सीआईए की मदद करने वाले पाकिस्तानी चिकित्सक शकील अफरीदी को 33 साल की सजा सुनाई गई है। अफरीदी पर आरोप था कि उसने ऐबटाबाद में सीआईए की ओर से फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया। ऐबटाबाद के मकान में ओसामा छिपा हुआ था और बीते साल दो मई को अमेरिकी सुरक्षा बलों ने एक अभियान में उसे मार गिराया।
इस चिकित्सक ने टीकाकरण अभियान चलाया ताकि ओसामा के किसी परिजन का डीएनए नमूना लिया जा सके। ऐबटाबाद कार्रवाई को लेकर जांच करने वाले आयोग ने अफरीदी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कहा था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पाकिस्तान में अब भी मौजूद कबायली कानून ‘फ्रंटियर क्राइम्स रेगुलेशन’ (एफसीआर) के तहत जेल की सजा दी गई। ब्रिटिश काल के दौरान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में एफसीआर लागू था, जो आज भी कायम है।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी।
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए।
अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 23, 2012, 21:47