Last Updated: Thursday, October 11, 2012, 16:39
कराची : मजहबी नेताओं की अगुवाई में भीड़ ने पाकिस्तान के कराची शहर में एक ईसाई किशोर के घर में घुसकर तोड़फोड़ की और सामान जला दिया। इस किशोर पर ईशनिंदा से भरा एक संदेश भेजने का आरोप है। यह घटना गुलशन-ए-इकबाल इलाके में सुई सदर्न गैस कंपनी (एसएसजीसी) की स्टाफ कॉलोनी में हुई।
डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, पुलिस ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने किशोर पर ईशनिंदा से भरा एक एसएमएस एसएसजीसी के कर्मचारियों और अधिकारियों को भेजने का आरोप लगाया है। कॉलोनी में खबर फैलने के बाद भीड़ ने 16 साल के रयान स्टैन्टेन के क्वार्टर पर हमला किया। रयान की मां रुबीना ब्रायन एसएसजीसी में अधीक्षक हैं। इलाके में तनाव के कारण रयान और उसकी मां एक रात पहले ही क्वार्टर छोड़ कर जा चुके थे।
बताया जाता है कि स्थानीय निवासियों को कथित एसएमएस मंगलवार की रात भेजा गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अखबार से कहा, ‘अगर वह मकान छोड़ कर नहीं जाते तो स्थिति सचमुच बुरी हो सकती थी।’ भीड़ ने मकान में तोड़फोड़ की और वाशिंग मशीन तथा फ्रिज आदि सामान सड़क पर लाकर जला दिया। रयान के परिवार के खिलाफ नारे भी लगाए गए। एसएमएस मिलने के बाद स्थानीय निवासियों ने रयान के पास जाकर इसके बारे में पूछा। डीआईजी शाहिद हयात के अनुसार, रयान ने लोगों से कहा कि उसने यह एसएमएस खुद को मिलने के बाद दूसरों को भेजा।
उन्होंने कहा, ‘रयान ने शिकायतकर्ता खुर्शीद आलम और एसएसजीसी जामा मस्जिद के पेश इमाम कारी गुलाम कादिर को बताया कि यह एसएमएस उसे किसी ने भेजा जिसके बाद उसने इसे पढ़े बिना अन्य मुस्लिम मित्रों को भेज दिया।’ रयान के घर पर भीड़ के हंगामे के बाद पुलिस ने वहां पहुंचकर लोगों को मामला दर्ज करने का आश्वासन देकर समझाने की कोशिश की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमने मौके पर पहुंच कर कुछ मजहबी नेताओं से बात की।’ रयान के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी, आतंकवाद निरोधक कानून की धारा सात और टेलीग्राफ कानून की धारा 25 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी कठोर ईशनिंदा कानून का हिस्सा है।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की प्रमुख जोहरा यूसुफ ने घटना को ‘बेहद खतरनाक’ बताया। उन्होंने कहा, ‘इस साल ईशनिंदा के कम से कम 22 मामलों की खबर है जिनमें मुस्लिम आरोपियों की संख्या ईसाइयों से अधिक है।’ अगस्त में इस्लामाबाद में एक मजहबी नेता ने एक ईसाई किशोरी रिमशा मसीह पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया। अदालत में एक गवाह ने कहा कि मजहबी नेता ने रिमशा को फंसाने के लिए झूठे सबूत तैयार किए थे। इसके बाद रिमशा को रिहा कर सुरक्षा के लिए अज्ञात स्थान पर भेजा गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 11, 2012, 16:39