Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 18:42

ढाका : कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी के 91 वर्षीय प्रमुख गुलाम आजम को बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में 90 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद हुई हिंसा की ताजा घटनाओं में कम से कमे चार लोग मारे गए हैं। दूसरी ओर देशव्यापी हड़ताल का आयोजन करने वाले प्रदर्शनकारियों ने भी आज जमकर उत्पात मचाया।
अधिकारियों और खबरों के अनुसार, दक्षिण पश्चिमी सतखीरा में हजारों इस्लामी हमलावरों ने लाठियों, छुरों और देशी बमों से पुलिस पर हमला कर दिया । पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई में चलायी गई गोलियों से दो प्रदर्शनकारी मारे गए।
पुलिस अधिकारी ने बताया, (जमात के) कार्यकर्ताओं ने जानलेवा हथियारों और देशी बमों से हमपर हमला कर दिया। हम अपनी रक्षा के लिए गोली चलाने पर मजबूर हो गए, घटना में दो लोग मारे गए। उपनगर गाजीपुर में तेज गति से आ रही एक बस के नीचे आकर नौ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी उस बस का पीछा कर रहे थे। दक्षिणपश्चिमी दिनाजपुर में कथित तौर पर विपक्षी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
वर्ष 1971 के संग्राम के दौरान ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के मामले में आजम को 90 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद जमात के कार्यकर्ताओं ने सत्तारूढ़ आवामी लीग के सतखीरा के स्थानीय नेता की हत्या कर दी थी। इसी घटना के बाद हिंसा शुरू हो गई।
जमात ने अंतरराष्ट्रीय अपराध पंचाट के फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह (फैसला) उनके नेतृत्व को समाप्त करने की साजिश के तहत सुनाया गया है। उन्होंने आज देशव्यापी हड़ताल का आयोजन किया है। कल से शुरू इस हड़ताल के कारण देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान और दुकानें बंद रहीं। सड़कें सूनी नजर आयीं, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ।
राजधानी ढाका में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं। आवामी लीग ने आज बड़ी सतर्कता के साथ आजम पर कल आए इस फैसले का स्वागत किया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, हम पंचाट के फैसले से संतुष्ट हैं। सजा क्या होनी चाहिए यह अदालत का मामला है। जमात का करीबी सहयोगी और देश के मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेश्नलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 18:42