कमांडरों से मिले कयानी, तख्तापलट पर सस्पेंस - Zee News हिंदी

कमांडरों से मिले कयानी, तख्तापलट पर सस्पेंस

इस्लामाबाद : मेमोगेट कांड को लेकर सरकार और सेना के बीच बढ़ते मतभेद के दौरान सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने गुरुवार को शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक की। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि कयानी ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वाटर्स में शीर्ष कमांडरों से मुलाकात की। जैसी कि तख्तापलट की आशंका जताई जा रही थी, पर अभी सस्पेंस बरकरार है।

 

वहीं, सरकार और सेना में तनाव के बीच राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी गुरुवार को दुबई के लिए रवाना हो गए। इससे देश में तख्तापलट की अटकलें और तेज हो गई हैं। इस बीच, पाकिस्तान तरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि वह सैन्य विद्रोह का समर्थन नहीं करेंगे। तख्तापलट की अटकलों के बीच अमेरिका में पाकिस्तान की नई राजदूत शेरी रहमान ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से मुलाकात की। अमेरिका के मुताबिक, वह लगातार पाकिस्तान के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रहा है। जरदारी एक दिन के लिए दुबई के दौरे पर रवाना हुए हैं। राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने कहा कि जरदारी शुक्रवार को पाकिस्तान लौट आएंगे।

 

अधिकारी ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया क्योंकि वह मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं है। अन्य सूत्रों ने बताया कि बैठक में जनरल हेडक्वाटर्स में नियुक्त वरिष्ठ जनरलों, प्रिंसिपल स्टाफ अधिकारियों, विभिन्न कमानों का नेतृत्व कर रहे कोर कमांडर शामिल हुए। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई उसके बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है और सेना की मीडिया शाखा ने भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। नेशनल एसेंबली की विशेष बैठक के कई ही घंटे पहले इस बैठक का आयोजन किया गया।

 

प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सीनेट के सदस्यों की आपातकालीन बैठक सुप्रीम कोर्ट के उस चेतावनी से उत्पन्न परिस्थितियों से निबटने के लिए बुलाई है, जिसमें न्यायालय ने भ्रष्टाचार के उच्चस्तरीय मामले को दोबारा शुरू नहीं करने पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

 

सेना और सरकार के बीच मनमुटाव बहुत ज्यादा बढ़ने के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री द्वारा सीनेट की और सेना प्रमुख द्वारा कोर कमांडरों की बैठक बुलाई गई है। सेना ने कल सेना और आईएसआई प्रमुखों की निंदा करने पर प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को चेतावनी दी थी कि इसके ‘गंभीर परिणाम’ हो सकते हैं।

 

सेना की ओर से इस कड़े बयान के जारी होने के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री गिलानी ने सेना प्रमुख के करीबी माने जाने वाले रक्षा सचिव अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल खालिद नइम लोधी को बख्रास्त कर दिया था। कयानी और सेना के कमांडरों के बीच आज हुई इस बैठक से सरकार और सेना के बीच मनमुटाव बढ़ने की अटकलों को हवा मिलने लगी है। विशलेषकों का मानना है कि सेना तख्तापलट के जरिए सत्ता हासिल नहीं करेगी और वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करेगी। शीर्ष न्यायालय राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को दोबारा शुरू करने से गिलानी के इनकार के कारण नाराज है।

 

पिछले वर्ष पाकिस्तानी अमेरिकी अद्योगपति मंसूर एजाज द्वारा मई 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद सैन्य तख्ता पलट से बचने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा अमेरिका से मदद मांगने वाले दस्तावेज के खुलासे के साथ ही यह मतभेद आरंभ हुआ था। इसी के साथ शीर्ष अदालत सरकार पर स्विटजरलैंड में अवैध तरीके से पैसे भेजने के मामले को दोबारा शुरू करने का दबाव बना रही है।

(एजेंसी)

First Published: Saturday, January 14, 2012, 10:03

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