Last Updated: Thursday, December 22, 2011, 02:58
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने सुप्रीम कोर्ट से मेमोगेट कांड की जांच की गुजारिश को फिर दोहराते हुए स्पष्ट किया कि सेना और नागरिक सरकार ने इस मुद्दे पर अपने बीच की दरारों को नहीं पाटा था। कयानी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपे एक प्रत्युत्तर में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज की ओर से सार्वजनिक किया गया मेमो एक सच्चाई है और इसकी शुरु से अंत तक जांच की जानी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से संबंधित था।
सैन्य प्रमुख के प्रत्युत्तर के मुताबिक एजाज से सबूत और सूचनाएं इकट्ठा करने के बाद इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने उन्हें 24 अक्तूबर को मेमो के बारे में बताया था।
कयानी ने कहा कि उनके पहले दिए गए सभी बयान तथ्यों पर आधारित थे और उन्होंने अदालत से कुछ नहीं छिपाया था।
सेना और आईएसआई ने शीर्ष अदालत से कथित मेमो की जांच करवाने को कहा है। मेमो के मुताबिक मई में ओसामा बिन लादेन के सफाए के बाद पाकिस्तान में तख्तापलट के डर से अमेरिकी मदद मांगी गई थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 22, 2011, 08:28