`करगिल हमले से पूरी तरह अनजान नहीं थे नवाज शरीफ, Nawaz Sharif not kept totally in dark about Kargil war

`करगिल हमले से पूरी तरह अनजान नहीं थे नवाज शरीफ`

`करगिल हमले से पूरी तरह अनजान नहीं थे नवाज शरीफ`इस्लामाबाद : करगिल में कब्जा करने का पाकिस्तानी सैनिकों का अभियान पूरी तरह जनरल परवेश मुशर्रफ के इशारे पर चलाया गया था और सबसे अहम बात यह है कि भारत के खिलाफ रची गई इस साजिश से तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बिल्कुल अनजान नहीं थे। एक सेवानिवृत्त जनरल ने यह दावा किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) शाहिद अजीज ने कहा कि इस ‘दुस्साहस’ के पीछे चार लोग थे और शुरुआत में इसे सेना के अन्य कमांडरो से भी गोपनीय रखा गया था।

हाल ही में अजीज ने अपने लेख में स्वीकार किया था कि करगिल अभियान में पाकिस्तानी सेना के जवान शामिल थे। इससे पहले पाकिस्तान इसे आतंकवादियों की करतूत बताता रहा है।

अजीज ने समाचार पत्र ‘डॉन’ को बताया, ‘साल 1999 में जब यह अभियान शुरू किया गया था तो इसके बारे में सिर्फ मुशर्रफ, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज, उत्तरी इलाके में फोर्स कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जावेद हसन और 10वीं कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद जानते थे।’

उन्होंने चौंकाने वाला दावा तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के बारे में किया है, जो लंबे वक्त से यह कहते आ रहे हैं कि उन्हें करगिल अभियान को लेकर कोई जानकारी नहीं थी।

अजीज ने कहा कि उन्होंने जो जानकारी एकत्र की थी, उसके अनुसार इस अभियान को लेकर शरीफ पूरी तरह अंधेरे में नहीं थे। उन्होंने कहा,‘मैं व्यक्तिगत तौर पर अवगत नहीं हूं कि शरीफ के साथ क्या जानकारी साझा की गई थी। एक अन्य जनरल ने मुझे बताया था कि अनौपचारिक चर्चा के दौरान शरीफ ने पूछा था ‘आप मुझे कश्मीर कब दे रहे हैं?’ इससे लगता है कि शरीफ पूरी तरह से अंधेरे में नहीं थे।’

यह पहली बार है जब किसी जनरल स्तर के पूर्व सैन्य अधिकारी ने इतने विस्तार से करगिल के बारे में जानकारी दी है।

अजीज ने कहा कि यह अभियान नाकाम रहा था और पाकिस्तान की ओर से मारे गए लोगों की संख्या के बारे में आज भी जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा,‘यह नाकाम हुआ था क्योंकि हमें इसका मकसद और नतीजा अपने ही लोगों एवं देश से छिपाना था। इसका कोई मकसद नहीं था और कोई योजना नहीं थी। आज तक कोई जानता कि करगिल में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।’
साल 1999 में आईएसआई की विश्लेषण शाखा के प्रमुख रहे अजीज के अनुसार करगिल अभियान के बारे में शुरुआत में शीर्ष स्तर के कई अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी। यहां तक कि सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल तौकीर जिया को अभियान आरंभ होने के बाद इसकी जानकारी मिली।

अजीज ने कहा कि मुशर्रफ ने अपने सेना प्रमुख और फिर राष्ट्रपति के कार्यकाल में ‘जानने की जरूरत’ की नीति पर काम किया। मुशर्रफ कोई भी आदेश सिर्फ उन अधिकारियों को देते थे, जो इसे कार्यान्वित करते थे। वह इसको लेकर शीर्ष सैन्य अधिकारियों से बात नहीं करते थे।

अजीज ने कहा,‘पाकिस्तानी सेना ने करगिल अभियान की योजना नहीं बनाई क्योंकि जनरल मुशर्रफ इसे बड़े अभियान के रूप में नहीं देखते थे। इस अभियान में सिर्फ ‘फोर्स कमांड नार्दर्न एरिया (एफसीएनए) एवं संभवत: 10 कोर के लोग शामिल थे।’

उन्होंने दावा किया कि यह अभियान भारत के लिए बड़ी खुफिया नाकामी को भी प्रदर्शित करता है।

इससे पूर्व अधिकारी ने कहा,‘यह बिना सही आकलन के उठाया गया कदम था। इसका मकसद स्पष्ट नहीं था और इसकी जटिलताओं के बारे में भी सही ढंग से आकलन नहीं किया गया था।’

उन्होंने कहा कि उन्हें उस वक्त करगिल में किसी हलचल की जानकारी मिली जब वायरलेस संदेश पकडने पर पता चला कि भारतीय सुरक्षा बलों में अफरा-तफरी है।

अजीज ने कहा,‘मैं अपनी जानकारी को तत्कालीन आईएसआई महानिदेशक जनरल जियाउद्दीन बट के पास ले गया और उनसे पूछा कि क्या हो रहा है। इसके बाद बट ने बताया कि सेना (पाकिस्तानी) ने करगिल के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है।’

अजीज और बट के बीच इस बातचीत के अगले दिन अजीज ने उनसे कहा कि उन्हें करगिल के बारे में जानकारी देने के लिए मुख्यालय बुलाया गया है। मुख्यालय में सैन्य महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल तौकीर जिया ने कहा कि नार्दर्न लाइट इनफेंटरी और सैनिकों ने करगिल सेक्टर में कुछ इलाकों पर कब्जा कर लिया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यालय में पूरा विवरण जिया ने दिया था, लेकिन यह स्पष्ट था कि इस अभियान के बारे में शुरुआत से वह भी नहीं जानते थे।

अजीज के अनुसार जिया का मकसद भारत को इसके लिए गुमराह करना था कि नई दिल्ली समझ ले कि करगिल के इलाकों में अफगान मुजाहिदीनों ने कब्जा किया है।

अजीज ने कहा कि उन्होंने इसका विरोध किया और कहा, ‘इसका भंडाफोड़ जल्द हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि उन्हें पदोन्नति देकर चीफ ऑफ जनरल स्टाफ बना दिया था और 2004 में उनकी ओर से इसका आकलन करने के लिए आदेश दिया गया था कि करगिल में क्या गलत आकलन हुआ जिस कारण जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ।

अजीज का कहना है कि उन्होंने अभियान में शामिल सभी बटालियन से विवरण मांगा था जिससे मुशर्रफ नाराज हुए और उन्होंने उनके अध्ययन का मकसद पूछा।

अजीज ने कहा,‘मैंने मुशर्रफ को बताया कि इस अध्ययन का मकसद यह पता करना है कि करगिल में क्या गलतियां रहीं और क्या नुकसान हुआ।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 29, 2013, 17:57

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