Last Updated: Monday, August 26, 2013, 20:13
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज पाकिस्तान के साथ साझा आतंकवाद विरोधी अभियान की पैरवी की तथा तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद का सहयोग मांगा। करजई एक दिन के आधिकारिक दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत की। शरीफ ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने और शरीफ ने आपस के सभी मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, हमने इस दिशा में मुख्य रूप से चरमंपथ के खिलाफ साझा लड़ाई के मुद्दे पर चर्चा की। अफगानिस्तान में सुलह की प्रक्रिया को लेकर इस उम्मीद के साथ बातचीत की गई कि पाकिस्तान इसमें उस तरह से मदद करेगा जैसे वह कर सकता है। इससे अफगान उच्च शांति परिषद तथा तालिबान के बीच बातचीत के लिए सभी मंचों पर अवसर मिलेंगे। करजई ने कहा कि दोनों देशों की बुनियादी चिंता नागरिकों के लिए सुरक्षा का अभाव तथा आतंकवाद की समस्या है।
शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार ने इस प्रतिबद्धता के साथ कार्यभार संभाला है कि बाहर एक शांतिपूर्ण माहौल पैदा किया जाएगा ताकि पाकिस्तान की घरेलू प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। शरीफ ने कहा, अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक और स्थिर संबंध इस लक्ष्य का सबसे अहम पहलू है। हमारी सुरक्षा और भविष्य की समृद्धि कई तरीके से अफगानिस्तान के साथ जुड़ी हुई है। करजई के इस दौरे का मकसद पाकिस्तान के साथ उतार चढ़ाव भरे संबंधों को सुधारना और मुल्ला बारदर समेत कुख्यात तालिबानी कैदियों की रिहाई की मांग करना था जिससे युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया को नए तरीके से बढ़ावा मिले।
अफगान राष्ट्रपति के साथ एक 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था जिसमें देश के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, अफगान शांति परिषद के प्रमुख और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। पिछले 18 महीनों में करजई की यह पहली पाकिस्तान यात्रा थी। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अफगानिस्तान महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं सुरक्षा बदलावों से गुजर रहा है और 2014 के दिसंबर में पश्चिमी सेनाएं वहां से लौटने वाली हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 26, 2013, 20:13