Last Updated: Saturday, March 17, 2012, 12:00
इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्तों की दिशा में चल रही कोशिशों के बीच पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि कश्मीर जैसे ‘जटिल मुद्दों’ को हल किया जाना जरूरी है।
जरदारी ने शनिवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार शुरू करने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लेकिन हमें जम्मू-कश्मीर विवाद जैसे जटिल मुद्दों को जरूर हल करना चाहिए।’ हाल के महीनों में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। संसद का यह सत्र जरदारी की सरकार के आखिरी साल की नीतियां तय करने के लिए बुलाया गया है।
वाशिंगटन के साथ तल्ख रिश्तों के संदर्भ में भी उन्होंने टिप्पणी की। जरदारी ने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए संसद की सिफारिशों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध बहुआयामी और महत्वपूर्ण हैं, लेकिन साल 2011 चुनौतीपूर्ण रहा है।’ पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम अमेरिका के साथ सार्थक ढंग से संबंध बनाना चाहते हैं, जो परस्पर हित एवं परस्पर सम्मान पर आधारित हो।’
जरदारी को संसद के संयुक्त सत्र में कई बार विपक्षी सासंदों की ओर से तल्ख अल्फाजों और नारों का सामना करना पड़ा। नेशनल एसेंबली की स्पीकर फहमीदा मिर्जा ने जैसे ही जरदारी को संयुक्त सत्र को संबोधित करने के आमंत्रित किया तो विपक्षी सांसदों की नारेबाजी शुरू हो गई। कई सांसदों ने जरदारी को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की। कुछ ने ‘लूटमार बंद करो’ का नारा लगाया। जरदारी शुरू में मुस्कराए और फिर अंग्रेजी में अपना भाषण पढ़ना शुरू किया। उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों और नारों का सिलसिला करीब 15 मिनट तक चला। इससे जरदारी परेशान हो गए। जरदारी पाकिस्तान के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने लगातार पांचवें साल संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, March 17, 2012, 21:14