Last Updated: Friday, December 2, 2011, 13:58
इस्लामाबाद : आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाउद्दीन का कहना है कि हाल ही में गोपनीय ज्ञापन (मेमोगेट) का खुलासा करने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने एक दशक पहले जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम जारी रखने के लिए उसे मनाने का प्रयास किया था।
सलाउद्दीन ‘युनाइटेड जिहाद काउंसिल’ का भी प्रमुख है। उसका कहना है कि वर्ष 2000 में जब आतंकवादियों ने युद्ध विराम को खत्म करने का फैसला किया तो इसके तत्काल बाद एजाज ने उससे दो बार मुलाकात की। उसने बीबीसी उर्दू सेवा को बताया कि आईएसआई का पूर्व अधिकारी खालिद ख्वाजा इस्लामाबाद में हुई पहली मुलाकात के दौरान एजाज के साथ था। बीते साल तालिबान आतंकवादियों ने ख्वाजा को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी। सलाउद्दीन के मुताबिक, दोनों के बीच दूसरी मुलाकात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में हुई और इस दौरान एजाज की मां भी मौजूद थी।
सलाउद्दीन ने कहा, ‘मैंने युद्ध विराम जारी रखने के एजाज की सलाह को खारिज कर दिया और उससे कहा कि भारत युद्ध विराम को लेकर गंभीर नहीं है और विलंब का दाव खेल रहा है।’ उनका दावा है कि एजाज को अमेरिकी शीर्ष नेतृत्व का समर्थन प्राप्त था, हालांकि इस बारे में उसने कोई सबूत नहीं दिया।
हाल ही में मंसूर ने गोपनीय ज्ञापन के मामले का खुलासा किया था। इसके बाद पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ गया था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 2, 2011, 19:28