Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 17:06
लंदन : ब्रिटेन ने कश्मीर मसला सुलझाने में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इंकार करते हुए कहा कि इस समस्या का टिकाऊ समाधान खोजना भारत और पाकिस्तान का काम है, जिसमें कश्मीरी लोगों की आकांक्षाएं शामिल हों। पाक अधिकृत कश्मीर में जन्मे लार्ड नजीर अहमद ने बीती रात हाउस ऑफ लॉर्ड्स में जम्मू कश्मीर में जनमत सर्वेक्षण कराने की पुरजोर हिमायत की, जिसे सरकार की तरफ से कोई समर्थन नहीं मिला।
लॉर्ड अहमद ने कश्मीर पर एक संक्षिप्त बहस की शुरूआत की और सरकार से पूछा कि क्या वह कश्मीर के लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार सहित तमाम विवादों को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि यह मामला अफगानिस्तान से अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के वापस जाने से पहले हल होना चाहिए क्योंकि उन्हें आशंका है कि कश्मीर उग्रवादियों को अपने इरादों को अंजाम देने का मौका दे सकता है।
बहस का जवाब देते हुए विदेश और राष्ट्रमंडल मामलों की वरिष्ठ राज्य मंत्री वरोनस वारसी ने कहा, ‘कश्मीर के मामले पर हमारा रूख हमेशा से यही रहा है कि वहां के हालात का स्थायी हल खोजना भारत और पाकिस्तान का काम है, जिसमें कश्मीरी जनता की आकांक्षाएं भी शामिल हों। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि ब्रिटेन अथवा किसी अन्य तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इस प्रक्रिया में बाधा आएगी। इन मामलों को प्रत्यक्ष तौर पर हल करना दोनो देशों का दायित्व है और ब्रिटेन की सरकारें इस बात का समर्थन करती रही हैं।’
भारतीय मूल के सदस्य लार्ड स्वराज पॉल बहस में भाग नहीं ले पाए। उन्होंने एक बयान में कहा कि कश्मीर विवाद में हस्तक्षेप करना ब्रिटेन अथवा अन्य किसी ताकत के लिए ठीक नहीं होगा और इसे भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तौर पर ही हल किया जाना चाहिए। लार्ड पॉल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस विवाद में हस्तक्षेप करना ब्रिटेन अथवा किसी अन्य ताकत के लिए ठीक नहीं होगा। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ब्रिटिश सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तमाम लंबित विवादों को द्विपक्षीय तौर पर और शांतिपूर्वक हल करने की हिमायती है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 17:06