Last Updated: Tuesday, May 22, 2012, 18:38
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान जाने वाले महत्वपूर्ण नाटो आपूर्ति मार्गों को फिर से खोलने की दिशा में अमेरिका और पाकिस्तान ने खासी प्रगति की है। उन्होंने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह विश्व समुदाय के साथ मिलकर काम करे ताकि वह अपने यहां पनप रहे उग्रवाद के दानव का शिकार न बन जाए।
ओबामा ने शिकागो में नाटो शिखर सम्मेलन से इतर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ संक्षिप्त मुलाकात की। ओबामा ने स्वीकार किया कि दोनो देशों के बीच तनाव है और इसकी वजह कुछ गंभीर घटनाएं हैं। पिछले साल नवंबर में सीमापार हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान जाने वाले नाटो के आपूर्ति मार्ग बंद कर दिए थे।
दो दिन के नाटो शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद ओबामा ने शिकागो में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमने यह उम्मीद नहीं की थी कि आपूर्ति मार्ग का मसला इसी सम्मेलन में सुलझ जाएगा। हम शिकागो आने से पहले ही यह जानते थे, लेकिन हम वास्तव में इस दिशा में प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जरदारी से उनकी मुलाकात बहुत संक्षिप्त रही क्योंेकि वे दोनों ही सम्मेलन में शिरकत करने के लिये निकल रहे थे।
ओबामा ने कहा कि मैंने उनसे उन ही बातों पर जोर दिया जिन पर हम सार्वजनिक और निजी रूप से जोर देते आये हैं। हमें लगता है कि अफगानिस्तान में हालात को बेहतर करने में पाकिस्तान को भी हिस्सा बनना चाहिये। हम भी एक ऐसा लोकतांत्रिक पाकिस्तान देखना चाहते हैं जो प्रगतिशील हो और जहां स्थायित्व हो।
ओबामा ने कहा कि मित्र सेना के सदस्य, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोग समझते हैं कि कोई भी देश तब तक प्रगति, सुरक्षा और स्थायित्व नहीं पा सकता जब तक वह सभी मुद्दों को सुलझा न ले और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम न करे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान और मित्र सेना के बीच तनाव पैदा हुआ था पर अब सैन्य रास्तों और कूटनीति के जरिये इनको सुलझाया जा रहा है। ओबामा ने कहा कि हम बेहतर पाकिस्तान चाहते हैं और पाकिस्तान का हमारे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना उसके हित में है ताकि वह अपने भीतर ही पनप रहे उग्रवाद की गिरफ्त में फंसकर न रह जाए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 23, 2012, 00:08