Last Updated: Friday, November 18, 2011, 10:13
बाली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को यह घोषणा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की कि उनके बीच सम्बंधों में कोई समस्या नहीं है। लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि असैन्य परमाणु दायित्व कानून सम्बंधी खास शिकायतों को देश के कानून के दायरे में रहकर ही दूर किया जा सकेगा।
एक घंटे से अधिक समय तक चली शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद मनमोहन सिंह ने कहा, "मैंने उन्हें बताया कि हमारे पास कानून है और नियम तैयार किए गए हैं। ये 30 दिनों तक संसद में रहेंगे। इस तरह हमने कुछ हदतक अमेरिकी कम्पनियों की कुछ चिंताएं दूर की है और हम अपने देश के कानून के दायरे में रहकर ही खास शिकायतों को दूर करना चाहते हैं।"
भारत द्वारा असैन्य परमाणु दायित्व कानून के क्रियान्वयन सम्बंधी नियमों को अधिसूचित किए जाने के एक दिन बाद मनमोहन सिंह ने कहा, "मैंने उनसे (ओबामा) यह भी कहा कि हम पूरक समझौते (परमाणु क्षति के लिए) को भी अनुमोदित करेंगे।"
भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन से अलग मनमोहन और ओबामा ने ग्रैंड हयात होटल में मुलाकात की। शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के लिए जाने से पहले दोनों नेताओं ने मीडिया के एक वर्ग के समक्ष संक्षिप्त बयान दिए। ओबामा इसी होटल में रुके हुए हैं।
विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित ओबामा ने मनमोहन सिंह से कहा, "हमारे दोनों देशों के बीच सम्बंधों के तार केवल नेतृत्व के स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी जुड़े हैं।"
ओबामा ने लगभग इसी अवधि के दौरान हुए अपने पिछले वर्ष के भारत दौरे को असाधारण बताया और मनमोहन सिंह को अपना प्रिय मित्र कहा। ओबामा ने कहा कि द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्तर पर कई सारे मुद्दों को सुलझाने का यह एक बेहतरीन अवसर है।
ओबामा ने कहा, "पिछले वर्ष लगभग इसी समय मैं भारत के एक असाधारण दौरे पर था। उस दौरे के दौरान हमने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सम्बंधों को और मजबूत बनाया, सुरक्षा के क्षेत्र में भी और रणनीतिक क्षेत्र में भी।"
ओबामा ने कहा, "और तभी से हम व्यापक मुद्दों पर लगातार प्रगति कर रहे हैं। हमारे दोनों देशों के बीच सम्बंधों के तार सिर्फ नेतृत्व के स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी जुड़े हैं और इसके पीछे भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा हमारी संस्कृति, हमारी राजनीति और हमारी अर्थव्यवस्था को दिया गया योगदान है।"
ओबामा ने कहा, "यह हमारे लिए यह एक बेहतर अवसर होगा कि मिलकर काम करने के तरीके तलाशें, न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बल्कि पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी। हम मानते हैं कि यह मंच समुद्री सुरक्षा या परमाणु अप्रसार के साथ ही आपदा राहत और मानवीय सहायता पर सहयोग बढ़ाने जैसे व्यापक मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिए एक प्रमुख मंच हो सकता है।"
इस पर मनमोहन सिह ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते में किसी भी तरह की समस्या नहीं है। ओबामा के ऐतिहासिक भारत दौरे को याद करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष के दौरान हर क्षेत्र में प्रगति हुई है। इन क्षेत्रों में व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
विदेश विभाग में पूर्व मामलों के सचिव संजय सिंह के अनुसार, ईरान के परमाणु विकास पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की हाल की रपट के संदर्भ में भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि मामले को लोकतांत्रिक तरीके से ही सुलझाया जाना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 15:43