Last Updated: Sunday, December 23, 2012, 15:47
इस्लामाबाद : मुंबई पर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों पर साक्ष्य जमा करने के लिए अगले साल पाकिस्तान के एक न्यायिक आयोग के भारत आने की उम्मीद है और उसके लिए विचारणीय मुद्दे तय करने में प्रयासरत भारतीय कानून विशेषज्ञों के एक दल ने अपनी पाकिस्तान यात्रा की अवधि बढ़ा दी है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के कानूनी विशेषज्ञ समेत चार सदस्यीय दल पाकिस्तान के अटार्नी जनरल इरफान कादिर के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी टीम से दो दिन की वार्ता के बाद कल शनिवार को लौटने वली थी।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के लिए विचारणीय मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत में धीमी प्रगति के चलते भारतीय कानून विशेषज्ञों के दल की पाकिस्तान यात्रा सोमवार तक बढ़ा दी।
दोनों पक्ष गवाहों के जिरह समेत अनेक विवादस्पद और जटिल मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
पाकिस्तानी पक्ष मुंबई हमलों की जांच का नेतृत्व करने वाले पुलिस अधिकारी, मुंबई हमले के सिलसिले में एकमात्र जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट और हमले के दौरान मारे गए नौ आतंकवादियों का पोस्टमार्टम करने वाले दो डाक्टरों के साथ जिरह करना चाहता है।
पाकिस्तानी पक्ष मुंबई हमलों की जांच का नेतृत्व करने वाले पुलिस अधिकारी, मुंबई हमले के सिलसिले में एकमात्र जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट और हमले के दौरान मारे गए नौ आतंकवादियों का पोस्टमार्टम करने वाले दो डाक्टरों के साथ जिरह करना चाहता है।
सूत्रों ने बताया कि अगर भारत इन चार गवाहों के साथ जिरह करने की इजाजत देता है तो पाकिस्तान बाद में यहां की यात्रा करने वाले भारतीय न्यायिक आयोग को पाकिस्तानी संदिग्धों तक पहुंच प्रदान करने की जवाबी कार्रवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने मुंबई हमलों के संबंध में साक्ष्य जमा करने के लिए मार्च में भारत की यात्रा पर गए पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के निष्कषरें को खारिज कर दिया था क्योंकि आयोग के सदस्यों को भारतीय गवाहों के साथ जिरह करने की इजाजत नहीं दी गई थी।
इसके बाद, पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक दूसरा न्यायिक आयोग मुंबई भेजने का फैसला किया।
पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक और केन्द्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे के बीच दिल्ली में हाल की एक बैठक में दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए कि दूसरे पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के लिए विचारणीय मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय कानून विशेषज्ञों का एक दल इस्लामाबाद आएगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 23, 2012, 15:47