Last Updated: Friday, December 16, 2011, 11:18
मास्को : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुडनकुलम परमाणु परियोजना के शुरू होने पर मौजूद अनिश्चितता को दूर करते हुए आज कहा कि अगले कुछ हफ्तों में पहली इकाई का संचालन शुरू हो जाएगा। वहीं, भारत और रूस ने संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई पर किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए।
क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के साथ अपनी वार्ता के बाद सिंह ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संयंत्र की दूसरी इकाई इसके छह महीने बाद संचालित होगी। हालांकि, दोनों देशों ने तमिलनाडु के कुडनकुलम में रूस से सहायता प्राप्त तीसरी और चौथी इकाई के लिए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने का फैसला किया। कुडनकुलम में संयंत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर आंदोलन हो रहा है।
बहरहाल, भारत और रूस ने तीसरी और चौथी इकाई को संचालित करने को लेकर ऋण की शर्तों को आज अंतिम रूप दे दिया। बैठक से पहले रूसी अधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि तीसरी और चौथी इकाई पर समझौते पर आज हस्ताक्षर हो जाएगा। इससे पहले, स्थानीय एजेंसियों ने मेदवेदेव के विदेश मामलों के सहयोगी सर्गेई प्रीखोदको के हवाले से बताया था कि केएनपीपी पर दो और इकाइयों के निर्माण पर हस्ताक्षर क्रेमलिन की वार्ता के बाद होगी।
रसियन स्टेट न्यूक्लियर को-ऑपरेशन ‘रोस्तम’ के प्रमुख सर्गेई किरीयेंको ने संवाददाताओं को बताया कि तीसरी और चौथी इकाई के निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि भारत इस पर हस्ताक्षर करने को कब तैयार होगा? किरीयेंको ने जवाब दिया, ‘मैं नहीं जानता।’ सिंह ने सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘भारत और रूस, दोनों ही देश इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि कुडनकुलम परमाणु परियोजना की सुरक्षा के बारे में चिंता की कोई बात नहीं है।’
सिंह ने कहा कि इकाई एक और इकाई दो पहले से ही अग्रिम चरण में है और संचालित होने के बहुत करीब है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दोनों देश कुडनकुलम परियोजना पर खाका लागू करने पर प्रतिबद्ध हैं, जिसके लिए भारत रूस के साथ सहमत हुआ है। प्रधानमंत्री ने रूसी सहयोग से तीसरी और चौथी इकाई के निर्माण की ओर संभवत: इशारा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के परमाणु कार्यक्रम पर रूस एक ऐसा साझेदार है जो वक्त की कसौटी पर खरा उतरा है। भारत और रूस उच्चस्तर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि कुडनकुलम संयंत्र तमिलनाडु के तिरूनेलवेली में एक निर्माणाधीन परमाणु बिजली घर है। इकाई एक और दो, प्रत्येक से 1,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। वार्ता के बाद भारत और रूस ने 42 सुखोई-30 एमकेआई विमान के उत्पादन में तकनीकी सहायता सहित पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 17, 2011, 10:12