Last Updated: Tuesday, April 9, 2013, 13:35

इस्लामाबाद : पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के करीब चार साल के स्वनिर्वासन खत्म करने से कुछ दिन पहले पाकिस्तान के शक्तिशाली सुरक्षा प्रतिष्ठान ने उन्हें स्वदेश नहीं लौटने की सलाह दी थी।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक अधिकारी के हवाले से मंगलवार को कहा, ‘कोई नहीं चाहता था कि वह (मुशर्रफ) वापस लौटे।’ अधिकारी ने कहा कि सेना द्वारा मुशर्रफ की वापसी का विरोध करने का मुख्य कारण उनके जीवन को खतरा था और सेना को आशंका थी कि उनके स्वदेश लौटने पर अन्य राजनीतिक विवाद पैदा हो सकते हैं।
असैन्य नेतृत्व तथा सैन्य प्रतिष्ठान सहित सभी पक्षों के बीच इस बात पर आमसहमति थी कि मुशर्रफ को इस समय स्वदेश नहीं लौटना चाहिए।
हालांकि मुशर्रफ ने सेना की सलाह नहीं मानी और पिछले महीने दुबई से कराची आने की अपनी योजना को अमलीजामा पहनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन पांच याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी जिसमें 2007 में संविधान का उल्लंघन करके आपातकाल लगाने के लिए मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश तारिक महमूद ने कहा कि अगर वह अपना बचाव करने का फैसला करते हैं तो इस मामले से कई कानूनी विवाद खड़े होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि इस मामले से सेना और असैन्य सरकार के वे लोग भी जुड़ सकते हैं जो मुशर्रफ के सहयोगी रह चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 9, 2013, 13:35