कोर्ट से टकराव के बीच इस्‍तीफा नहीं देंगे जरदारी - Zee News हिंदी

कोर्ट से टकराव के बीच इस्‍तीफा नहीं देंगे जरदारी


ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

 

इस्लामाबाद : सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच बढ़ते टकराव के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बुधवार को साफ कर दिया कि उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है। उधर, वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखकर संसद का आपातकालीन सत्र बुलाया गया है। जरदारी ने अपने प्रवक्ता के जरिए इन खबरों का खंडन किया कि उन्होंने कल देर रात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और गठबंधन सहयोगियों की एक बैठक में इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया।

 

राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने एक संक्षिप्त वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रपति ने न तो कल रात हुई बैठक में और न ही किसी और मंच पर इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया और जिन खबरों में ऐसा कहा जा रहा है, वे तथ्यों और जमीनी स्थितियों से विरोधाभासी हैं। मीडिया में खबर आई थी कि कल देर रात जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की संयुक्त अध्यक्षता में हुई बैठक में जरदारी ने इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया था।

 

इन खबरों के बारे में बाबर ने कहा कि इन खबरों में कोई सच्‍चाई नहीं है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के आदेश के बाद सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं की बैठक में इस्तीफा देने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वह जरदारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

 

पीपीपी के सूत्रों ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि जरदारी निकट भविष्य में एक बार फिर दुबई जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि ये खबरें एक संवाद समिति से आई हैं, जिसने पिछले साल विकीलीक्स के फर्जी संदेशों के आधार पर खबरें जारी की थीं। इसके पहले ‘द न्यूज’ ने अपनी खबर में दावा किया था कि जरदारी ने कल रात गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठक में कहा कि अगर गठबंधन सहयोगी चाहते हैं, तो वह इस्तीफा देने और जल्द चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।

 

इससे पहले, यह खबर थी कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि अगर सत्ताधारी गठबंधन में शामिल दल चाहते हैं, तो वह इस्तीफा देकर जल्दी चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। जरदारी ने यह घोषणा सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी <पीपीपी> के आला नेतृत्व और पार्टी के गठबंधन सहयोगियों के नेताओं के साथ मंगलवार रात एक बैठक के दौरान की। इसके पहले कल पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि नामी-गिरामी लोगों से जुड़े भ्रष्टाचार संबंधित मामलों को नहीं खोलने पर प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

 

रीकंसीलिएशन ऑर्डिनेंस <एनआरओ> से जुड़े एक मामले में सुनवाई चल रही थी, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति ने कराची की अपनी यात्रा बीच में खत्म कर इस्लामाबाद में कई बैठकों में भाग लिया।

 

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2009 में एनआरओ को अवैध करार दे दिया था, जिसके बाद से वह सरकार पर दबाव डाल रहा है कि वह जरदारी के खिलाफ लगे कथित धन शोधन के मामले दोबारा खोले। सरकार ने यह कहते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत मुकदमा चलाए जाने से छूट मिली हुई है। पीपीपी और उसके गठबंधन सहयोगियों के बीच की बैठक के दौरान पीएमएल-क्यू प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन और अवामी नेशनल पार्टी के प्रमुख अस्फंदयार वली खान ने सरकार को परामर्श दिया कि वह भावनात्मक प्रतिक्रिया से बचें।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 11, 2012, 18:38

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