गर्भपात कानूनों पर जल्द फैसला करेगा आयरलैंड

गर्भपात कानूनों पर जल्द फैसला करेगा आयरलैंड

लंदन : गर्भपात पर कानून के मामले में आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा कैनी ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण, तर्कपूर्ण और संवेदनशील विमर्श की मांग की है। उन्होंने यह बातें गर्भपात करने से मना करने के कारण भारतीय दंत चिकित्सक की मौत के बाद खड़े हुए विवाद के मद्देनजर कहीं। उनकी अपनी पार्टी में भी इसे लेकर कई लोगों की प्रतिक्रिया प्रतिकूल है और लोगों की शिकायत है कि इस विधेयक को बहुत तेजी से अगे बढ़ाया जा रहा है।

इस संबंध में आयलैंड सरकार ने कहा है कि वह देश के कठोर गर्भपात कानूनों के बारे में इस वर्ष के अंत तक कोई फैसला कर लेगी। भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार का प्राकृतिक तौर पर गर्भपात हो जाने के बावजूद कैथोलिक देश बता कर उनका गर्भपात करने से इनकार के कारण उसकी पिछले दिनों मौत हो गयी थी। सरकार ने कल विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट प्रकाशित की है। विशेषज्ञ समूह को यूरोपीय मानवाधिकार अदालत के फैसले से निपटने के विकल्प सुझाने के लिए इस समूह की नियुक्ति की गयी थी।

रिपोर्ट में कहा गया था कि गर्भवर्ती आयरिश महिलाओं को आयरलैंड में गर्भपात के कानूनी अधिकारों के बारे में एक निश्चित व्यवस्था की आवश्यकता है । मंगलवार से संसद में इस रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हुई है । कैनी का कहना है कि लोगों को इसपर जितना वक्त चाहिए वह देने के लिए तैयार हैं ।

आयरिश टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रिसमस के दौरान संसद के छुट्टी पर जाने से पहले सरकार चर्चा और अपने विचारों के मंथन के बाद तय हुए अंतिम विचारों को सार्वजनिक करेगी और बताएगी कि वह कौन सा रास्ता चुन रही है ।

संसद का सत्र दोबारा शुरू होने से पहले आठ से दस जनवरी के बीच स्वास्थ्य और बच्चों पर संयुक्त समिति चुने गए विचार :निर्णय: पर लोगों का विचार सुनेगी ।

कैनी ने कहा, ‘सरकार द्वारा वैधानिक विकल्प को चुना जाएगा । इससे ऐसा लग रहा है कि गैर-वैधानिक विकल्प को पहले से ही छांट दिया गया है । रिपोर्ट में एक गैर-वैधानिक विकल्प भी सुझाया गया था ।

संसद में फिएना फेल की नेता मिशेल मार्टिन के सवाल पर केनी ने कहा, हमने अभी तक किसी विकल्प का चुनाव नहीं किया है। ऐसा कहने पर कि वैधानिक कानून वर्ष 2013 के मध्य से पहले तैयार नहीं किया जा सकेगा, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह सही नहीं है। रिपोर्ट के बारे में पार्टी के नेताओं को बताए जाने पर इसकी सबसे ज्यादा आलोचना यूरोपीय मामलों की विदेश मंत्री लुसिआना क्रेग्टोन ने की।

उन्होंने यह भी कहा कि फाइन गेल के पास इस विधेयक को लाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं है। अन्य लोगों का कहना है कि उनके मतों के बारे में नेतृत्व ने यह मान लिया है कि वे पक्ष में ही होंगे। कई लोगों की शिकायत है कि समय सीमा बहुत कठोर है।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रेइली ने संवाददाताओं से कहा था कि स्वास्थ्य समिति की सुनवायी के बाद ‘हम सरकार के निर्णय की मदद से जितना जल्दी संभव हो सके इसे लागू करने की कोशिश करेंगे। बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान में वैधानिक शब्द का उपयोग गलती से हो गया था और वह संसद के चर्चा या फिर मंत्रिमंडल के निर्णय से पहले कोई फैसला नहीं देना चाहते।

फिएना फेल के स्वास्थ्य प्रवक्त बिली केल्लहर का कहना है कि उन्हें लगता है कि रिपोर्ट पर मध्यम दर्जे की सहमति बन सकती है। 31 वर्षीय सविता की 28 अक्तूबर को गालवे यूनिवर्सिटी हास्पिटल में खून में जहर फैल जाने के चलते मौत हो गयी थी । उनका प्राकृतिक तरीके से गर्भपात हो गया था लेकिन डाक्टरों ने यह कहते हुए उसके 17 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात करने से इनकार कर दिया था कि यह एक ‘‘कैथोलिक देश’’ है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 28, 2012, 16:40

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