Last Updated: Wednesday, February 22, 2012, 12:09
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई सबूतों को विचारार्थ स्वीकार करने और अभियोजक का बयान दर्ज करने के बाद 28 फरवरी तक स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति नसीर उल मुल्क की अगुवाई वाली सात जजों की पीठ ने अटॉर्नी जनरल अनवार उल हक का बयान दर्ज किया जिन्हें गिलानी के खिलाफ सुनवाई के दौरान अभियोजक के तौर पर काम करने को कहा गया है।
हक ने प्रधानमंत्री के खिलाफ सबूत विचार के लिए पेश किये। इन सबूतों में सुप्रीम कोर्ट के वह आदेश शामिल हैं जिसमें उस व्यवस्था को लागू करने को कहा गया था जिसके तहत भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में दी गई माफी रद्द की गई थी। इस माफी से राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फायदा हुआ था।
‘नेशनल रीकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेन्स’ (एनआरओ) पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने जारी किया था जिसके तहत भ्रष्टाचार के मामलों में माफी दी गई थी। इसके अलावा, सबूतों में संघीय सरकार द्वारा दाखिल की गई समीक्षा याचिका को रद्द करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गिलानी का आग्रह ठुकरा दिया और अदालत की अवमानना के आरोप में उनको अध्यारोपित किया है। गिलानी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई, राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ स्विटजरलैंड में कथित धन शोधन के मामले पुन: खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने से इनकार किए जाने के बाद शुरू की गई है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 22, 2012, 17:39