Last Updated: Sunday, April 29, 2012, 10:24
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं जिनमें अदालत की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के संदर्भ में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के पद पर बने रहने को चुनौती दी गई है।
लाहौर हाई कोर्ट में कल दाखिल याचिकाओं में गिलानी को यह स्पष्टीकरण देने के लिए कहने का अनुरोध किया गया है कि वह खुद को दोषी ठहराए जाने के बाद कौन से कानून के तहत इस पद पर बने रहने का दावा करते हैं। यह याचिकाएं शाहिद नसीम गोंदाल और राणा इलामुद्दीन गाजी ने दायर की हैं जो ऐसे मुद्दों को अदालत में उठाने के लिए जाने जाते हैं।
याचिकाकर्ताओं के वकील ए के डोगर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने में नाकाम रहने के लिए गिलानी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
डोगर जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद के भी वकील हैं। उन्होंने तर्क दिया कि दोषी ठहराए जाने के बाद गिलानी प्रधानमंत्री के पद पर नहीं बने रह सकते।
डोगर ने हाई कोर्ट से गिलानी को पद पर बने रहने से रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया। एक अन्य घटनाक्रम में गिलानी को सुप्रीम कोर्ट के एक वकील अजहर सिद्दिकी का कानूनी नोटिस मिला है। इसमें कहा गया है कि उनका पद पर बने रहना संविधान का उल्लंघन
है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 29, 2012, 15:56