Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 12:09

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी और अमीर दानकर्ताओं के बीच बातचीत का एक गुप्त वीडियो सामने आने से रोमनी के चुनावी अभियान के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इस वीडियो में रोमनी अमीर दानकर्ताओं से कह रहे हैं कि अमेरिकियों की लगभग आधी आबादी पूरी तरह से सरकार पर आश्रित है। यह आबादी कर का भुगतान नहीं करती।
कल जैसे ही यह विवादास्पद वीडियो सामने आया, ओबामा के चुनावी अभियान में तुरंत इसे एक मुद्दा बना लिया गया। ओबामा के चुनावी अभियान में सवाल उठाए गए कि जब रोमनी आधे देश को पहले ही खारिज कर रहे हैं तो वह भला एक राष्ट्रपति का कर्तव्य कैसे निभाएंगे।
‘मदर जोन्स’ पत्रिका में वीडियो के कुछ अंश प्रकाशित किए गए हैं। इसमें दिखाया गया है कि रोमनी बंद कमरे में एक निजी दानकर्ता को बता रहे हैं कि 47 प्रतिशत अमेरिकी लोग ओबामा को ही मत देंगे। इस वीडियो में रोमनी कह रहे हैं, ‘47 प्रतिशत लोग उसके (ओबामा) साथ हैं। ये वे लोग हैं जो सरकार पर निर्भर हैं। वे अपने आप को पीड़ित मानते हैं और चाहते हैं कि सरकार उनकी देखभाल करे। उनका मानना है कि उन्हें स्वास्थ्य, भोजन, मकान आदि सुरक्षाएं मिलनी चाहिए।
रोमनी ने आगे कहा कि ये वे लोग हैं जो कोई आयकर नहीं भरते। इसलिए करों में कमी लाने का हमारा संदेश इनके लिए कारगर नहीं होगा। उन्हें अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी खुद उठानी चाहिए। वीडियो की प्रमाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। मदर जोन्स पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर वीडियो के अंश डालने के साथ ही कहा है कि इसमें शामिल लोग धुंधले दिखाई दे रहे हैं। रोमनी और इन दानकर्ताओं की इस मुलाकात के ठिकाने को स्रोत की सुरक्षा के लिहाज से गुप्त रखा गया है। इस वीडियो के बाद से कई बयान आ रहे हैं।
ओबामा के चुनावी अभियान में रोमनी पर अक्सर ये आरोप लगते रहे हैं कि वह एक करोड़पति उद्यमी हैं जिसका मध्यम वर्ग के साथ कोई संबंध नहीं है। इस छवि से बाहर आने के रोमनी के प्रयासों के लिए इस वीडियो ने खासी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। ओबामा के चुनावी अभियान के प्रबंधक जिम मेसीना ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बंद दरवाजों के पीछे अमीर दानकर्ताओं के एक वर्ग के सामने आधे अमेरिकी नागरिकों को ‘पीड़ित’ बताता है और कहता है कि ये लोग खुद अपनी जिंदगियों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 12:09