Last Updated: Thursday, September 15, 2011, 13:46
बीजिंग : चीन के कॉलेजों में इस साल से ‘सेक्स और प्रेम’ को पाठ्यक्रम में अनिवार्य करने के आदेश दिए हैं. शिक्षा मंत्रालय ने मनोवैज्ञानिक पाठ्यक्रम को सितंबर से विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अनिवार्य करने का फैसला लिया है जिसमें ‘सेक्स और प्रेम’ भी शामिल है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरकारी ‘चाइना डेली’ से कहा कि मंत्रालय ने इस साल जून में देशभर के विश्वविद्यालयों के सभी विधाओं के छात्रों के लिए एक अनिवार्य मानसिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि दरअसल इस तरह के कॉलेज पाठ्यक्रम कई वर्ष से तैयार हैं, लेकिन वे मुख्य रूप से वैकल्पिक पाठ्यक्रम हैं. अधिकारी ने कहा कि पाठ्यक्रमों को अनिवार्य बनाने का मंत्रालय ने फैसला इसलिए किया है क्योंकि ज्यादातर विश्वविद्यालय के छात्रों को भारी दबाव की वजह से मनोवैज्ञानिक दिशानिर्देश की मदद लेने की सलाह दी गई है.उन्होंने कहा कि नए अनिवार्य पाठ्यक्रम के सात भाग होंगे. सेक्स और प्रेम के अलावा इस पाठ्यक्रम में अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं से निबटने को लेकर भी अध्ययन सूची है जिसमें जीवन और पढ़ाई में दबाव और उलझनों से निबटना शामिल है. पीकिंग विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान की 18 वर्षीय छात्रा गावो चांग ने कहा कि इस तरह के पाठ्यक्रम नये छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उन्होंने कहा कि हमारे स्कूल में मनोवैज्ञानिक पाठ्यक्रम जिसमें सेक्स और प्रसव की थोड़ी जानकारी है, लोकप्रिय हैं, लेकिन वे अब तक वैकल्पिक हैं. प्रथम वर्ष में मनोवैज्ञानिक पाठयक्रम लेने वाली पीकिंग विश्वविद्यालय की छात्रा वांग केफई का कहना है कि यह बहुत उबाऊ था और इससे उन्हें कुछ भी फायदा नहीं हुआ. इस छात्रा के पुरुष मित्र ही फांग ने कहा कि सभी छात्रों को इस तरह की शिक्षा की जरूरत नहीं है. वैसे भी हम विश्वविद्यालय के छात्र हैं और हममें से ज्यादातर सेक्स और प्रेम के बारे में जानते हैं.
First Published: Thursday, September 15, 2011, 19:38