Last Updated: Monday, January 2, 2012, 08:34
ज़़ी न्यूज ब्यूरो बीजिंग : अदालत में बड़ी संख्या में चीनी कारोबारियों ने एक भारतीय राजनयिक पर हमला बोल दिया, जिसमें वह घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय राजनयिक दो भारतीयों को रिहा कराने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने बंधक बनाया हुआ था। ये कारोबारी यिवू में भारतीयों से अपने बकाए की मांग कर रहे थे। वहीं, विदेश मंत्रालय ने शंघाई में भारतीय राजनयिक के साथ हुए दुर्व्यवहार पर विरोध जताने के लिए देश में चीन के उप राजदूत को तलब किया है और उनसे इस घटना पर जवाब मांगा है।
शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में राजनयिक एस बालाचंद्रन पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद वह बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। भीड़ ने बालाचंद्रन से चिपटे भारतीयों को खींचने का प्रयास किया था।
31 दिसंबर की रात अदालत में काफी देर तक सुलह समझौते का प्रयास करने के बाद अदालत से बाहर निकलते हुए यह घटना हुई। दोनों भारतीयों को स्थानीय कारोबारियों ने उनकी कंपनी पर अपने बकाए के भुगतान को लेकर दो सप्ताह से बंधक बनाया हुआ था। कंपनी का मालिक कथित तौर पर देश छोड़कर भाग गया था। वाणिज्य दूत रीवा गांगुली दास ने बताया कि बालाचंद्रन, दीपक रहेजा और श्यामसुंदर अग्रवाल को रिहा कराने गए थे । बाद में भीड़ ने रहेजा और अग्रवाल को घूंसे मारे और उन्हें बालाचंद्रन से छुड़ा लिया और इस दौरान बालाचंद्रन बेहोश हो गए।
स्थानीय अधिकारियों ने बालाचंद्रन से इस घटना के लिए माफी मांगी है। हालांकि अदालत ने दीपक और श्यामसुंदर को जाने की अनुमति दे दी थी लेकिन वे भीड़ के हमले की आशंका के कारण पुलिस हिरासत में ही थे। वे दोनों भी इस घटना में घायल हुए हैं। दास ने बताया कि बालाचंद्रन की हालत अब ठीक है और उनके विभिन्न टेस्ट कराए जा रहे हैं। दोनों भारतीय अभी एक पुलिस थाने में हैं और वाणिज्य दूतावास ने उनकी रिहाई के लिए एक वकील नियुक्त किया है।
First Published: Monday, January 2, 2012, 20:42