चीनी विशेषज्ञ ने भी POK पर भारत की चिंता को माना

चीनी विशेषज्ञ ने भी POK पर भारत की चिंता को माना

चीनी विशेषज्ञ ने भी POK पर भारत की चिंता को मानाबीजिंग : चीन के रणनीतिक विश्लेषक ने आज कहा कि आतंकवाद के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर से होते हुए चीन को पाकिस्तान से जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे की योजना पर भारत की चिंताएं ‘परियोजना के संबंध में कुछ अनिश्चितताएं पैदा’ कर रही हैं।

सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के वेब-संस्करण के लेख के अनुसार, आतंकवाद के अलावा भारत की चिंताएं भी समस्याएं पैदा कर रही हैं। चीन से बाहर निकलने के साथ ही यह गलियारा सबसे पहले जिस क्षेत्र को छुएगा वह कश्मीर है। ‘चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज’ के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटेजी’ के विद्वान वु झाओली ने अपने लेख में लिखा है, इस इलाके में गंभीर मतभेदों वाली परिस्थितियों से कुछ अनिश्चितताएं पैदा होंगी। ऐतिहासिक और व्यावहारिक कारणों से, गलियारे के प्रति भारत का रूख नकारात्मक रहा है। गलियारे के लिए चीन द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के इस्तेमाल पर भारत की चिंता के संबंध में पहली बार देश की सरकारी मीडिया में कुछ कहा गया है।

इस गलियारे के संबंध में पहली बार घोषणा चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की पाकिस्तान यात्रा के दौरान की गई थी। इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीन यात्रा के दौरान हुआ।

इस ओर संकेत करते हुए कि प्रस्तावित परियोजना (गलियारे) से पीओके की विवादित प्रकृति पर कोई असर नहीं होगा, लेख में लिखा गया है, लेकिन भारत को यह पता होना चाहिए कि इस गलियारे का कश्मीर के आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और इस क्षेत्र पर भारत और पाकिस्तान की यथा स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा। लेख के अनुसार, चूंकि भारत और पाकिस्तान दोनों की इच्छा विवादित क्षेत्र की आर्थिक क्षमता का दोहन करना है, इसलिए संभवत: इस अवसर के माध्यम से भविष्य में सहयोग संभव हो सकता है।

उसमें लिखा है, यह आर्थिक गलियारा चीन को दक्षिण एशिया से जोड़ने वाली रीढ़ की हड्डी होगा और इस क्षेत्र में व्यापार और परिवहन नेटवर्क को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक हद तक इसका प्राथमिक विचार, ‘नए सिल्क मार्ग’ से मिलता-जुलता है, जिसका समर्थन अमेरिका मध्य एशिया में कर रहा है । (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 31, 2013, 00:29

comments powered by Disqus