Last Updated: Friday, May 10, 2013, 00:30

लाहौर : पाकिस्तान में आम चुनाव से दो दिन पहले गुरुवार को पंजाब प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी का अपहरण कर लिया। बंदूकधारियों ने उनके निजी सचिव की गोली मारकर हत्या कर दी।
27 वर्षीय हैदर अली गिलानी लाहौर से 350 किलोमीटर दूर मुल्तान शहर के माटी इलाके में दोपहर चुनाव प्रचार कर रहे थे। बंदूकधारियों ने उनके एसयूवी को रोका और गोलीबारी करने लगे। पूर्व प्रधानमंत्री के एक निकट सहयोगी इफ्तिखार बलूच ने बताया कि बंदूकधारी मोटरसाइकिल और कार से आए थे।
बलूच ने कहा कि अली हैदर के निजी सचिव मोहीउद्दीन की मौत हो गई और चार अंगरक्षक घायल हो गए। शुरुआती खबरों में कहा गया था कि हमले में अली हैदर का एक अंगरक्षक मारा गया है।
अली हैदर अपने बड़े भाई कादिर का प्रचार करने के लिए जा रहे थे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं में शामिल गिलानी के चार बेटे और एक बेटी है । अली हैदर पंजाब प्रांत की एसेंबली का चुनाव भी लड़ रहे हैं।
स्थानीय पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर ने इसे आतंकवादी घटना करार दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिले को सील कर दिया है और अपहर्ताओं के बारे में सूचना देने वाले को पुरस्कार देने का एलान किया है।
डोगर ने अपहण में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की संलिप्तता की आशंका से इंकार नहीं किया है। फिलहाल किसी संगठन ने इस हमले अथवा अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने जियो न्यूज को बताया कि बंदूकधारी एक कार में आए थे और हैदर गिलानी के समर्थकों पर गोलीबारी करने लगे। उसने कहा कि बंदूकधारी हैदर को कार में बिठाकर फरार हो गए। जाते वक्त भी बंदूकधारियों ने गोलीबारी की।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि अली हैदर के कपड़े पर खून के धब्बे थे, लेकिन वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे घायल थे। उसने कहा कि अपहर्ताओं ने सलवार कमीज पहन रखी थी और उनमें से एक की दाढ़ी थी।
पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि उन्हें इस घटना में पाकिस्तानी तालिबान के शामिल होने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, इस घटना में मैं चरमपंथियों का हाथ होने की आशंका को खारिज नहीं कर सकता।’
सुरक्षा संबंधी खतरों के कारण ही गिलानी ने गुरुवार को मुल्तान में चुनावी सभा के अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था। कुछ दिनों पहले पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा था, ‘हम सभाएं करने का जोखिम मोल नहीं ले सकते क्योंकि सुरक्षा खतरा है।’ गिलानी ने तालिबान के खतरे के कारण पीपीपी की चुनावी सभाओं का नेतृत्व करने से इंकार कर दिया था।
प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने 11 मई को होने वाले आम चुनाव से पहले पीपीपी और अवामी नेशनल पार्टी जैसे धर्मनिरपेक्ष दलों को निशाना बनाने की चेतावनी दी थी।
टेलीविजन फुटेज में दिखाया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के एक और बेटे अली मूसा गिलानी रो रहे हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। अली मूसा ने कहा कि वह अपने भाई के मुक्त होने तक मुल्तान में चुनाव नहीं होने देंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 9, 2013, 14:24