Last Updated: Sunday, September 29, 2013, 23:32
माले : मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त राजीव शहाणे की देश के निर्वाचन आयोग के साथ मुलाकात पर मालदीव द्वारा कड़ी आपत्ति व्यक्त करने के बावजूद पत्तन कर्मचारियों के एक समूह ने हड़ताल पर बैठते हुए सरकार से राष्ट्रपति चुनाव कराए जाने की मांग की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मालदीव सरकार के समर्थन पर के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण के मतदान को स्थगित करने का फैसला देने के बाद मालदीव पत्तन कर्मचारी संघ के सदस्य हड़ताल पर चले गए। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इब्राहिम खलील ने कहा, `सरकार तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए हम अपने सांविधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।`
संघ के 490 सदस्यों में से लगभग 90 कर्मचारी सुबह की ड्यूटी पर नहीं गए। हालांकि खलील ने बताया कि कर्मचारी अगली ड्यूटी अवधि के लिए काम पर लौट जाएंगे। वर्तमान घटनाक्रम में मालदीव सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए भारतीय उच्चायुक्त राजीव शहाणे द्वारा मालदीव निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने पर सख्त आपत्ति व्यक्त की है।
वेबसाइट सन डॉट एमवी ऑनलाइन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के विदेश मंत्रालय ने विरोध दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को शहाणे को सम्मन किया। विदेश विभाग के एक अधिकारी ने शहाणे से मुलाकात की।
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा, `हमारी मुलाकात हुई थी.., लेकिन हम विवरणों का खुलासा नहीं कर सकते।`
मिनिवान न्यूज की रपट के अनुसार, शुक्रवार को ही राजीव शहाणे ने मालदीव के निर्वाचन आयुक्त फवाद तौफीक से मुलाकात की थी। भारतीय राजनयिक की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे चक्र का मतदान रद्द किए जाने के बाद मालदीव में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है।
मालदीव की राजधानी माले में शुक्रवार को निर्वासित राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के हजारों समर्थकों ने सर्वोच्च न्यायालय भवन के सामने एकत्रित होकर स्थगित कर दिए गए मतदान को निर्धारित तिथि पर शनिवार को कराए जाने की मांग की। हिद महासागर में स्थित इस द्वीप समूह में नशीद लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति हैं। वर्तमान राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण के मतदान में नशीद को 45.45 फीसदी मत मिले।
नशीद को हालांकि पहले चरण के मतदान में सरकार बनाने लायक 50 फीसदी मत न मिलने के कारण दूसरे चरण का मतदान जरूरी हो गया है। चुनाव के लिए तारीख तय किए जाने के बाद से नशीद की पार्टी निरंतर विरोध प्रदर्शन कर रही है, और उसने जोर देकर कहा है कि पहले चरण का मतदान पूर्णत: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रहा है।
इस बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, भारत और आस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्रमंडल देशों ने चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू किए जाने की मांग की है, तथा इस बात की चेतावनी दी है कि यदि मतदान प्रक्रिया में देरी की गई तो मालदीव में हिंसक घटनाएं हो सकती हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 29, 2013, 23:32