Last Updated: Tuesday, May 7, 2013, 19:05
लंदन : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 40 साल में पहली बार इस साल नवंबर में श्रीलंका में आयोजित होने वाली राष्ट्रमंडल शिखरवार्ता में शामिल नहीं होंगी और उन्होंने अपने बेटे प्रिंस चार्ल्स को इसमें भेजने का फैसला किया है।
वर्ष 1973 के बाद से पहली बार ऐसा होगा जब 87 वर्षीय महारानी राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्र प्रमुखों की शिखरवार्ता (चोगम) में शामिल नहीं होंगी। यह घोषणा मंगलवार को बकिंघम पैलेस ने की।
एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि महारानी का प्रतिनिधित्व प्रिंस ऑफ वेल्स करेंगे। कारण यह है कि हम महारानी द्वारा की जाने वाली बहुत लंबी यात्रा की समीक्षा कर रहे थे और इसके नतीजतन वह इस साल के आखिर में राष्ट्रमंडल देशों की सरकारों के प्रमुखों के अधिवेशन में नहीं जाएंगी।’
इस साल चोगम शिखरवार्ता विवादों में फंस गयी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कुछ संगठन तब तक शिखरवार्ता का आयोजन नहीं करने की मांग कर रहे हैं जब तक श्रीलंका के 26 साल के असैन्य युद्ध के अंतिम छह महीने में कथित मानवाधिकारों के दुरुपयोग के मामले में जांच नहीं की जाती।
ब्रिटेन पर शिखरवार्ता के बहिष्कार का दबाव बन रहा है। कनाडा ने संकेत दिया है कि वह विशेष मानदंडों के पूरा नहीं होने तक इसमें शामिल नहीं होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 7, 2013, 19:05