Last Updated: Saturday, March 30, 2013, 12:35

वाशिंगटन : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि कराची की एक अदालत में जज के सामने खड़े होना ‘उन्हें काफी अपमानजनक’ लगा। वे वहां विभिन्न आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी के खिलाफ जमानत मांगने के लिए पेश हुए थे। करीब एक दशक तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले 69 वर्षीय मुशर्रफ अपनी जिंदगी में पहली बार कराची की किसी अदालत में किसी जज के सामने पेश हुए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता पर कब्जा किया था।
मुशर्रफ ने सीएनएन से कहा ,‘‘यह मेरी जिंदगी में पहली बार है ,जब मैं किसी अदालत में घुसा हूं। अगर मैं आपको इस बारे में खुलकर बताउं कि जिस समय जज ने अदालत कक्ष में प्रवेश किया और मुझे उनके लिए उठकर खड़ा होना पड़ा तो मैंने क्या महसूस किया , तो मैं कहूंगा कि ‘‘मैने बेहद लज्जित और अपमानित महसूस किया।’’ उन्होंने कहा ,‘‘लेकिन फिर मैने सोचा कि मैं खुद ही यह कहता रहा हूं कि कानून की नजर में सब बराबर हैं और यही कानून मुझपर भी लागू होता है। तो शायद आप इसलिए विचलित होते हैं क्योंकि आप खुद उसमें शामिल हैं।’’ पूछने पर कि क्या आपको न्याय व्यवस्था में भरोसा है , मुशर्रफ ने कहा ,हर किसी को परिणाम भुगतना होता है।
पूर्व सैन्य शासक ने कहा ,‘‘मैं जानता हूं , मुझे भरोसा है कि मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है। और अदालत में उपस्थित नहीं होने को लेकर मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। ’’ उन्होंने कहा ,‘‘अब जब कि मैं विभिन्न मामलों में अदालत के सामने पेश हो चुका हूं ,मेरी गिरफ्तारी की कोई वजह नहीं बची है । अब हमें इन मामलों में सुनवाई करनी चाहिए। जहां तक इन मामलों का सवाल है वे राजनीति से प्रेरित हैं और मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है। किसी भी बिंदु से मेरे खिलाफ कुछ नहीं है। इसलिए इसी भरोसे के साथ मैं अदालत का सामना करूंगा।’’
मुशर्रफ ने कहा कि कराची की अदालत में जिस समय उनपर जूता उछाला गया ,उन्हें उससे कोई खतरा नहीं था। उन्होंने कहा ,‘‘ मैने तो उसे देखा भी नहीं। कोई भी चीज मुझे नहीं लगी। बाद में मुझे बताया गया कि मेरी तरफ कुछ फेंका गया था लेकिन ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा ,‘‘बाद में उन्होंने मुझे बताया ,उन लोगों ने जो मेरे इर्द गिर्द थे , वहां मेरे हजारों समर्थक थे। मेरे ख्याल से मुझे बाद में बताया गया कि उस व्यक्ति को दबोच लिया गया और उसे खूब मारा पीटा गया या ऐसा ही कुछ। लेकिन मैं नहीं जानता कि यह किसने फेंका , मैं कुछ भी नहीं जानता।’’ वकील ताजमुल लोधी ने कल सिंध हाई कोर्ट के बरामदे में मुशर्रफ पर जूता उछाला था लेकिन वह उनको लगा नहीं।
मुशर्रफ को विभिन्न मामलों में जमानत पाने के लिए अदालत में खुद उपस्थित होना था। पिछली 22 मार्च को मुख्य न्यायाधीश मुशीर आलम की एक सदस्यीय पीठ ने पूर्व राष्ट्रपति को दस दिन की जमानत दी थी । मुशर्रफ 2009 से देश के बाहर रहने के बाद पिछले रविवार को ही स्वदेश लोटे हैं। अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की अवधि को 15 दिन के लिए बढ़ा दिया। अदालत ने उन्हें बचूल राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती और देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामलों में भी अग्रिम जमानत दे दी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 30, 2013, 12:09