Last Updated: Tuesday, August 28, 2012, 13:15

लंदन : पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी 20 जुलाई 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग को चांद पर उतरते देखने के लिए सुबह साढ़े चार बजे तक जागती रहीं थीं। जब आर्मस्ट्रांग को इस बारे में सूचित किया गया तो उन्होंने इसके लिए खेद व्यक्त किया था।
गत पच्चीय अगस्त को 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए आर्मस्ट्रांग के बारे में यह किस्सा यहां पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने बयां किया। चंद्रमा से लौटने के बाद जब आर्मस्ट्रांग अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री के साथ अपनी विश्व यात्रा के तहत नयी दिल्ली में इंदिरा गांधी से मिले तो उस समय वहां नटवर सिंह भी मौजूद थे।
दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को संसद भवन कार्यालय स्थित इंदिरा के कक्ष में ले जाने वाले नटवर ने याद किया कि उस समय तत्कालीन अमेरिकी राजदूत भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि जब फोटाग्राफर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की इंदिरा गांधी के साथ तस्वीरें खींचकर बाहर चले गए तो वहां अजीब सी खामोशी छा गई।
इंदिरा द्वारा बातचीत का संकेत दिए जाने पर नटवर ने कहा, मिस्टर आर्मस्ट्रांग, आपकी यह जानने में दिलचस्पी होगी कि प्रधानमंत्री सुबह साढ़े चार बजे तक जागती रहीं थीं क्योंकि वह चंद्रमा पर आपके उतरने के क्षण से चूकना नहीं चाहती थीं। नटवर ने याद किया कि इस पर आर्मस्ट्रांग ने कहा, मैडम प्रधानमंत्री आपको हुई असुविधा के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। अगली बार, मैं सुनिश्चित करूंगा कि जब हम चंद्रमा पर उतरें तो आपको इतना न जागना पड़े। बीस जुलाई 1969 का दिन एक ऐतिहासिक घटना बन गया जब आर्मस्ट्रांग के नेतृत्व में अपोलो 11 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा था।
आर्मस्ट्रांग ने अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री एल्ड्रिन के साथ लगभग तीन घंटे तक चांद पर चहलकदमी की थी। अपोलो 11 चंद्र मिशन के बाद आर्मस्ट्रांग ने घोषणा की कि दोबारा अंतरिक्ष में उड़ान भरने की उनकी कोई योजना नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 28, 2012, 13:15