Last Updated: Monday, April 9, 2012, 06:18
वाशिंगटन: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की भारत यात्रा के संदर्भ में अमेरिकी मीडिया ने कहा कि ‘इससे बेशक कुछ हासिल नहीं हुआ हो लेकिन इससे कुछ अच्छे संकेत मिले और अजमेर में उनका ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जाना इस्लामी चरमपंथ के लिए एक संदेश है।
लॉस एंजिलिस टाइम्स ने दिल्ली से भेजे गए एक समाचार में कहा है, ‘किसी उपलब्धि की घोषणा नहीं की गई, लेकिन दोनों पक्षों ने विश्व की सर्वाधिक खतरनाक सीमाओं पर तनाव कम करने के संकेत के रूप में इस बैठक की सराहना की है ।’
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है, ‘अब सवाल यह है कि सिंह कितनी जल्द पाकिस्तान जा पाएंगे, जो ऐसी यात्रा होगी जिसे बहुत से विश्लेषक किसी बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के लिए मददगार मानते हैं ।’
अखबार ने लिखा है, ‘करीब आठ साल पहले पद संभालने के समय से ही वह पाकिस्तान जाने की अक्सर इच्छा व्यक्त करते रहे हैं, लेकिन देश के राजनीतिक कारणों और देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की वजह से वह अब तक पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर पाए हैं ।’
अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान में आत्मघाती बम हमलावर अपने इस आतंकी विचार के प्रसार के लिए बार-बार सूफी संतों की दरगाहों पर श्रद्धालुओं को निशाना बनाते रहे हैं कि ये स्थल इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं ।
सूफीवाद के लिए काम करने वाले भारतीय कार्यकर्ता सलीम महाजन के हवाले से कहा गया, ‘जब हर जगह कट्टरपंथियों के हावी होने की आशंकाएं हैं तो ऐसे समय इस तीर्थस्थल पर आना पाकिस्तानी राष्ट्रपति का एक साहसिक कदम है ।’ उन्होंने कहा, ‘वह इस्लाम की सहिष्णुता और भाईचारे की भावना के बारे में अच्छा संकेत भेज रहे हैं ।’
(एजेंसी)
First Published: Monday, April 9, 2012, 11:48