Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 08:22
लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ दायर याचिकाएं स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए एक पीठ गठित कर दी है। याचिकाओं में जरदारी के राजनीतिक गतिविधियों से अलग न होने का विरोध किया गया है। लाहौर हाईकोर्ट की यही पीठ उन याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी जिनमें मांग की गई है कि कथित तौर पर अदालती आदेशों के उल्लंघन और संविधान को उलटने के चलते देशद्रोह के आरोपों में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य घोषित किया जाए।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शेख अजमत सईद ने याचिकाएं स्वीकार कर लीं और सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित कर दी। पीठ का नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश करेंगे। जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद के वकील एके डोगर ने दो वकीलों की ओर से याचिकाएं दायर की गईं और अदालत से जरदारी को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि वह पिछले साल मई में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के फैसले के मद्देनजर सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष के रूप में खुद को राजनीतिक गतिविधियों से अलग करें।
अधिवक्ता इलामुद्दीन गाजी ने भी एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि राजनीतिक गतिविधियों में राष्ट्रपति की संलिप्तता असंवैधानिक है। गाजी ने कहा कि जरदारी ने अदालत की उम्मीद के अनुरूप खुद को राजनीतिक गतिविधियों से अलग नहीं किया और न ही अपने राजनीतिक दल से संबंधित उद्देश्यों के लिए राष्ट्रपति पद का दुरुपयोग बंद किया।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 13:52