`जरदारी भ्रष्टाचार मामले में स्विस अधिकारियों को देना है जवाब`

`जरदारी भ्रष्टाचार मामले में स्विस अधिकारियों को देना है जवाब`

`जरदारी भ्रष्टाचार मामले में स्विस अधिकारियों को देना है जवाब` इस्लामाबाद : पाकिस्तान के कानून मंत्री फारूक एच नाईक ने कहा है कि स्विस अधिकारियों को अभी पाक सरकार के उस पत्र का जवाब देना है जिसमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने की मांग की गई है ।

नाईक ने कहा कि जरदारी के खिलाफ स्विटजरलैंड में अब कोई मामला मौजूद नहीं है । एक मामले में जरदारी स्विस कंपनियों एसजीएस और कोटेकना को पाकिस्तान में आयात किए जाने वाले माल के सीमा शुल्क निरीक्षण का ठेका दिए जाने में रिश्वत लेने के आरोपी हैं, लेकिन यह मामला अभी सिर्फ जांच के चरण में है । पाक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले महीने स्विस अधिकारियों को पत्र भेजा था । हालांकि, पत्र में स्पष्ट किया गया था कि भ्रष्टाचार के मामले इस शर्त पर ही खोले जा सकते हैं कि राष्ट्रपति को संविधान और पाकिस्तानी तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत छूट प्राप्त है ।

डॉन अखबार ने आज नाईक के हवाले से कहा कि एक न्यायाधीश द्वारा की गई जांच के बाद स्विटजरलैंड के अटॉर्नी जनरल ने अगस्त 2008 में घोषणा की थी कि जरदारी के खिलाफ धन शोधन का कोई मामला स्थापित नहीं हुआ ।

नाईक ने कहा कि स्विटजरलैंड के अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि यदि किसी को उनके फैसले पर कोई आपत्ति है तो वह 10 दिन के भीतर अपील दायर कर सकता है । उस समय स्विस अटॉर्नी जनरल ने 2008 में पाकिस्तान के पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक कयूम द्वारा भेजे गए पत्र का भी उल्लेख किया था । इसमें राष्ट्रीय मेल मिलाप अध्यादेश (एन आर ओ) लागू होने के बाद जांच बंद करने की मांग की गई थी ।

एन आर ओ भ्रष्टाचार के मामलों में माफी देने से संबंधित था । जरदारी और आठ हजार अन्य लोगों को इसका लाभ मिला । एन आर ओ मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो के बीच हुए गुप्त समझौते का हिस्सा था ।

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2009 में एन आर ओ को यह कहकर खारिज कर दिया था कि इसने संविधान का उल्लंघन किया । तब से ही सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नीत सरकार पर जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए दबाव बना रहा है ।

पाक सरकार महीनों तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने से इनकार करती रही । प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ अपने पर अवमानना का आरोप लगने के बाद नवम्बर में अदालती आदेश का पालन करने पर सहमत हुए । अशरफ के पूर्ववर्ती यूसुफ रजा गिलानी को जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से नहीं खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी ठहराते हुए अयोग्य घोषित कर दिया था । नाईक ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो जरदारी को देश में भ्रष्टाचार के दो मामलों में क्लीन चिट दे चुका है क्योंकि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के खिलाफ अभी कोई मामला नहीं खोला जा सकता । (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 12, 2012, 19:23

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