Last Updated: Sunday, October 23, 2011, 14:01

बर्लिन : बस के आकार का जर्मनी का एक निष्क्रिय उपग्रह रविवार को पृथ्वी पर गिरा। लेकिन अंतरिक्ष अधिकारियों को अब तक यह नहीं पता चल पाया है कि उसका मलबा पृथ्वी पर गिरा अथवा नहीं।
जर्मन अंतरिक्ष केंद्र ने एक बयान में बताया कि 2.7 टन वजन वाला उपग्रह ‘रोसैट’ भारतीय मानक समय के मुताबिक सवा छह बजे से पौने सात बजे के बीच रविवार को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया। लेकिन इसकी कोई सूचना नहीं है कि उसका मलवा पृथ्वी पर गिरा अथवा नहीं।
बयान के मुताबिक, इस बात की फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है कि उसके टुकड़े पृथ्वी के सतह पर पहुंचे अथवा नहीं। एजेंसी के प्रवक्ता आंद्रेयास शुएत्ज ने कहा कि इसके लिए हमें कुछ दिनों के लिए इंतजार करना होगा कि कब और कहां उसका मलबा गिरा अथवा गिरेगा। प्रवक्ता ने बताया कि वैज्ञानिक उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। संभावना है कि पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने से पूर्व अंतिम 30 मिनट में करीब 20,000 किलोमीटर दूरी तय किया होगा।
अंतरिक्ष केंद्र के अधिकारियों का अनुमान है कि वातावरण में दाखिल होने के साथ ही उपग्रह के ज्यादातर टुकड़े जल जाएंगे लेकिन लगभग 30 टुकड़ों के पृथ्वी पर गिरने का अनुमान है। इनका वजन 1.9 टन है।
स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक अधिकारियों का अनुमान है कि रौसेट के कक्षीय पथ के आधार पर उपग्रह के टुकड़े 80 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में बिखर सकते हैं। हालांकि मोटे तौर पर 2,000 टुकड़ों में से एक टुकड़े के पृथ्वी पर पहुंचने की संभावना है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 23, 2011, 19:49