Last Updated: Friday, April 27, 2012, 04:32
वाशिंगटन : प्रख्यात पर्यावरणविद् और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आर के पचौरी ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ उर्जा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत और अमेरिका को नीतियां और समाधान विकसित करने में अपने संसाधनों को साझा करना चाहिए।
तीसरे भारत-अमेरिका उर्जा सहयोग सम्मेलन को संबोधित करते हुए द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक पचौरी ने कहा, ‘उर्जा सुरक्षा की चुनौतियों के समाधान तथा नीतियां तैयार करने के लिये भारत तथा अमेरिका के लिये जरूरी है कि वह अपनी दक्षता, प्रौद्योगिकी क्षमता तथा अनुसंधान को साझा करे।’
उन्होंने कहा, ‘यह सालाना सम्मेलन उर्जा क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत तथा अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की अहमियत को रेखांकित करता है।’
येल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रिचर्ड सी लेविन ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थानों को उर्जा सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में रचनात्मक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका तथा भारत का भविष्य एक जैसा है। सतत आर्थिक विकास तथा सतत उर्जा सुरक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता न केवल उनके अपने लोगों बल्कि वैश्विक समुदाय के लिये भी महत्वपूर्ण हैं।’
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति तथा नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अल गोर ने अपने वीडियो संदेश में जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित किया है तथा स्वास्थ्य के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच सहयोग का आह्वान किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 27, 2012, 10:05