Last Updated: Monday, May 6, 2013, 00:37
ढाका : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ‘अल्लाहो अकबर’ का नारे लगाते हुए हजारों लोगों ने आज कठोर ईशनिंदा कानून की मांग करते हुए 100 दुकानों को आग लगा दी। पुलिस के साथ हुई झड़पों में आज कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 80 घायल हो गए।
नव-गठित हिफातज-ए-इस्लाम या ‘इस्लाम के संरक्षक’ धर्मनिरपेक्ष आवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार पर कठोर ईशनिंदा कानून लागू कराने के लिए दबाव बनाने की खातिर ‘ढाका का घेराव’ करने की अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं। वह इस्लाम या पैगंबर का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने सहित अपनी 13 सूत्री मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राजधानी के बीचोबीच स्थित पुराना पठान इलाके आज हिंसा का सबसे भयावह रूप नजर आया। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में रोड़े, पत्थर और देशी बम थे। उनकी दंगा-निरोधी पुलिस के साथ झड़प हुई । पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए सैकड़ों रबड़ की गोलियां चलानी पड़ी।
स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, हिफाजत-ए-इस्लाम और इस्लामी छात्र शिबिर के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 80 लोग घायल हो गए। जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा जमात-शिबिर के कार्यकर्ताओं ने हिफाजत-ए-इस्लाम के लोगों के साथ मिलकर कम से कम 100 दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी, बैतूल मुकर्रम मजिस्जद परिसर में मौजूद दुकानों को लूट लिया और राजधानी में 30 से ज्यादा सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया।
बिजोयनगर में हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने एक पुलिस पिकेट में आग लगा दी। घटना में एक यातायात कांस्टेबल बुरी तरह झुलस गया है । संगठन के कार्यकर्ताओं ने झड़प के दौरान एक फोटोग्राफर को भी मारा।
First Published: Monday, May 6, 2013, 00:37