Last Updated: Saturday, May 18, 2013, 17:30

कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आज कहा कि तमिल अल्पसंख्यक अब शांतिपूर्वक एक ही देश में रहना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विगत में हिंसा से प्रभावित रहे क्षेत्रों में पुनर्निर्माण एवं मेल मिलाप के उनके प्रयासों का समर्थन नहीं करने के लिए तमिल प्रवासियों की आलोचना की।
राजपक्षे लिट्टे पर सेना की जीत की चौथी वषर्गांठ के मौके पर आयोजित विजय दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी और तमिल पार्टियां अब भी तमिल समुदाय को विनाश की ओर ले जाने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि तमिल अब शांतिपूर्वक एक ही देश में रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप के जरिए उनकी सरकार को कई साजिशों का सामना करना पड़ा।
राजपक्षे ने कहा कि इसके पीछे का मकसद हमें अपने सामने नतमस्तक करना था। रंगारंग सैन्य परेड में जवानों के योगदान की चर्चा करते हुए राजपक्षे ने कहा कि वह देश के टुकड़े नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इसे सुरक्षित रखने के लिए जवानों ने अपना बलिदान दिया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 18, 2013, 17:30