Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 10:45

लॉफ एर्ने (ब्रिटेन) : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका की तालिबान के साथ नियोजित वार्ता को अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में उठाया गया ‘पहला महत्वपूर्ण कदम’ बताया लेकिन साथ ही आगे के मुश्किल सफर को लेकर आगाह भी किया है।
अमेरिकी अधिकारियों की, कतर में खुले तालिबान के नए कार्यालय में उसके प्रतिनिधियों से मिलने की योजना है। इस वार्ता में 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद अफगानिस्तान में शुरू हुए एक दशक लंबे युद्ध के बाद अब वहां से तालिबान की शांतिपूर्ण रवानगी से जुड़े विषय पर चर्चा की जाएगी।
अमेरिका ने कल उत्तरी आयरलैंड में समूह आठ के शिखर सम्मेलन से इतर फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के साथ मुलाकात के बाद कहा, अफगानिस्तान के लिए अफगान नीत शांति वार्ता देश में हिंसा के खात्मे और यहां और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। ओबामा ने कहा, सुलह की दिशा में उठाया गया यह पहला महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि यह बहुत शुरूआती कदम है और हमें पता है कि आगे का रास्ता आसान नहीं है लेकिन सभी पक्षों को अफगानिस्तान के भविष्य पर चर्चा और वार्ता करने का एक अवसर मिला है, जो मुझे लेता है कि बहुत महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान को अफगान संविधान स्वीकार करना होगा जिसका मतलब है कि उसे अलकायदा के साथ रिश्ते खत्म करने, हिंसा बंद करने और महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। ओबामा ने शांति प्रक्रिया को लेकर अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक साहसिक कदम है और अमेरिका, अफगान सरकार की भागीदारी वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करेगा।
उन्होंने कहा कि इसी बीच, अमेरिका नीत बल अलकायदा को परास्त करने के हमारे सैन्य प्रयासों और अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को सहयोग देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। संयोग से इस नियोजित वार्ता की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब नाटो अफगान सुरक्षा का दायित्व करजई के सैनिकों को औपचारिक तौर पर सौंप रहा है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 10:45